दोनों थानों में दर्ज कुल सात एफआईआर के अनुसार हिंसक भीड़ घातक हथियारों के साथ हिंसा के लिए तैयार होकर आई थी। इतना ही नहीं, थाने पर हमला करने वाली भीड़ में दो सौ से तीन सौ लोग शामिल थे।
पुलिस के अनुसार भीड़ आरोपी को जान से मारना चाहती थी। भीड़ चाहती थी कि विवादित पोस्ट के आरोपी को उनके हवाले कर दिए जाए। पुलिस के अनुसार हिंसक भीड़ का नेतृत्व पांच लोग कर रहे थे। हिंसा सुनियोजित थी। दंगाइयों ने सरकारी सम्पत्ति व आम जनों की सम्पत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया। इस दौरान पुलिसकर्मियों को भी निशाना बनाया गया। इस तरह की हिंसा की पुलिस को भी आशंका नहीं थी।
उधर, रैपिड एक्शन फोर्स ने गुरुवार को डीजे हल्ली पुलिस स्टेशन इलाके में फ्लैग मार्च किया। इस इलाके में 15 अगस्त को सुबह 6 बजे तक धारा 144 लागू की गई है। राजस्व मंत्री आर अशोक ने कहा है कि दंगा फैलानेवाले गद्दार हैं और इनसे सख्ती से निपटा जाएगा। दंगों को सुनियोजित बताते हुए अशोक ने कहा कि इनका मकसद हिंसा को अन्य हिस्सों में भी फैलाना था।