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सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देगा एलिवेटेड कोरिडोर!

locationबैंगलोरPublished: Aug 27, 2018 06:06:26 pm

Submitted by:

Rajeev Mishra

दावा: बस और मेट्रो स्टेशन भी जुड़ेंगे

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सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देगा एलिवेटेड कोरिडोर!

बेंगलूरु. शहर की यातायात जाम समस्या को सुलझाने के लिए प्रस्तावित एलिवेटेड कोरिडोर परियोजना की व्यवहार्यता रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस एलिवेटेड कोरिडोर के निर्माण की अंतिम रिपोर्ट तैयार करने से पहले नए सुझावों और प्रस्तावों को भी शामिल किया जा रहा है। नए प्रस्तावों के मुताबिक लगभग 95 किमी लंबे इस कोरिडोर को मेट्रो और बस स्टेशनों से भी जोड़ा जाएगा और इसकेलिए कोरिडोर से निकलने और प्रवेश करने के 53 मार्ग होंगे।
हाल ही में एलिवेटेड कोरिडोर से जुड़े अंशधारकों की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें परियोजना की नोडल एजेंसी कर्नाटक सड़क विकास परिवहन लिमिटेड (केआरडीसीएल) के अलावा बेंगलूरु महानगर परिवहन निगम (बीएमटीसी), बेंगलूरु मेट्रो रेल कॉरपोरेशन निगम लिमिटेड (बीएमआरसीएल) और शहरी भू-तल परिवहन निदेशालय (डीयूएलटी) के प्रतिनिधियों ने भी शिरकत की। अधिकारियों के मुताबिक इस बैठक में जितने भी सुझाव दिए गए उसे वैध करार दिया गया और योजना में फेरबदल करते हुए उन सुझावों को उसमें शामिल करने का निर्णय किया गया।
योजना की विस्तृत व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार की जा रही है और इसमें एईकॉम, डेलॉयट और इंफ्रा सपोर्ट जैसी कंपनियों को शामिल किया गया है। बैठक में एक हाईब्रिड वार्षिक वित्तीय योजना एवं उसमें निहित वित्तीय जोखिम आदि विषयों पर भी एक प्रस्तुतीकरण दी गई। बीएमटीसी के एक अधिकारी के मुताबिक प्रस्तावित एलिवेटेड कोरिडोर में बसों की आवाजाही के लिए एक अलग समर्पित लेन या कोरिडोर को चौड़ा करने का सुझाव दिया गया है ताकि बसों का परिचालन सुचारू हो सके। शहर के वर्तमान कोरिडोर भी यातायात जाम की समस्या से जूझ रहे हैं लेकिन प्रस्तावित एलिवेटेड कोरिडोर इससे मुक्त रहेगा।
वहीं, बीएमआरसीएल के सूत्रों के मुताबिक एलिवेटेड कोरिडोर को शुरू से अंत तक कनेक्टिव बनाने पर जोर दिया गया। चाहे निजी वाहन हों, बस या मेट्रो एलिवेटेड कोरिडोर को सभी के हिसाब से सुविधाजनक बनाया जाए। इसलिए पर्याप्त पार्किंग व्यवस्था करते हुए इसे मेट्रो और बस स्टेशनों से जोडऩे का प्रस्ताव रखा गया। शहरी भू-तल परिवहन निदेशालय के अधिकारियों का कहना है कि बेंगलूरु में रोजाना 60 लाख लोग यात्रा करते हैं। इनमें से 30 लाख लोगों का बोझ बीएमटीसी उठाती है। वहीं मेट्रो में 5 लाख लोग यात्रा करते हैं। लेकिन, शेष लोग कैसे यात्रा करेंगे। शहर की सड़कों को चौड़ा करने की कोई गुंजाइश नहीं है। इसलिए अब एक ही उपाय बचा है और वह है एलिवेटेड कोरिडोर। अगर कोरिडोर को सार्वजनिक परिवहन से जोड़ दें तो लोग उसमें सफर करना शुरू कर देंगे इससे सड़कों पर निजी वाहनों का बोझ कम होगा और यातायात जाम से निजात मिलेगी। सूत्रों के मुताबिक सार्वजनिक परिवहन से जोडऩे के लिए एलिवेटेड कोरिडोर में हर 2 से 3 किलोमीटर पर निकलने और प्रवेश करने के रास्ते होंगे।
शहरी विशेषज्ञ अश्विन महेश के अनुसार बड़ी परियोजना की समीक्षा करते हुए मास्टरप्लान तैयार चाहिए। यह सोचना होगा कि लोग शहर में कहां-कहां जाते हैं, कहां रहते हैं और नौकरियां कहां सृजित हो रही हैं। यह लोगों को आकर्षित करेगा। परियोजनाएं इस हिसाब से तैयार की जाएंगी तो सार्वजनिक परिवहन भी अधिक उपयोगी साबित होगा। केवल आवाजाही सुनिश्चत करने की बजाय पूरे परिदृश्य को ध्यान में रखकर योजनाएं तैयार करनी होंगी। वहीं आरके मिश्रा का कहना है कि सभी विभाग मिलकर काम कर रहे हैं और एलिवेटेड कोरिडोर परियोजना सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देगी। गौरतलब है कि इस परियोजना पर 33 हजार 600 करोड़ रुपए लागत आने का अनुमान है। इसमें से कोरिडोर निर्माण पर ही 15 हजार 8 25 करोड़ रुपए खर्च होंगे पीपीपी के तहत पूरा किया जाएगा। इस परियोजना के लिए 152 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी।
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