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आपातकाल जैसे हालात : यशवंत सिन्हा

locationबैंगलोरPublished: Aug 30, 2018 08:48:13 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

उन्होंने कहा कि ताजा कार्रवाई इस बात का संकेत है कि मतभेद का कोई स्वर सुरक्षित नहीं है

yashwant sinha

आपातकाल जैसे हालात : यशवंत सिन्हा

बेंगलूरु. पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने बुधवार को नक्सली संगठनों से कथित संबध के आरोप में वामपंथी विचारधारा से जुड़े कुछ कार्यकर्ताओंं की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा कि मोदी सरकार ऐसा कर इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार की तरह आपातकाल जैसी स्थिति बना रही है। उन्होंने कहा कि ताजा कार्रवाई इस बात का संकेत है कि मतभेद का कोई स्वर सुरक्षित नहीं है।
गिरफ्तारी की कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा कि मोदी सरकार ने लोकतंत्र की हर संस्था को कमजोर किया है, चाहे वह जांच एजेंसी, संसद, न्यायपालिका, रिजर्व बैंक, चुनाव आयोग अथवा मीडिया हो। लोकतंत्र के सभी खंभे इतने कमजोर पहले कभी नहीं हुए। सिन्हा ने कहा कि इंदिरा सरकार ने आधी रात को आपातकाल घोषित किया था लेकिन मोदी सरकार के दौर में अघोषित आपातकाल की स्थिति बनी हुई है। मौजूदा सरकार आपातकाल की घोषणा किए बगैर ही वैसे हालात बना रही है।
मोदी ने मेक इन इंडिया को सिर्फ नारा बनाया-यशवंत
रफाल युद्धक विमानों की खरीद से जुड़े सौदे को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए पूर्व केंद्रीय ने कहा कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम सिर्फ नारा बन कर रह गया है। सिन्हा ने इस सौदे को लेकर सरकार से 10 सवाल भी पूछे। सिन्हा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी ने रफाल विमानों को लेकर जो सौदा किया उससे मेक इन इंडिया की सोच सिर्फ नारे तक ही सिमट कर रह गई। ऑफ सेट के लाभ से सरकारी कंपनी हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को वंचित कर एक निजी कंपनी को इसका ठेका दिया गया।
सिन्हा ने कहा कि रफाल सौदे की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग ज्यादा फलदायी साबित नहीं होगी क्योंकि इसके लिए संसद के दोनों सदनों से प्रस्ताव पारित होना चाहिए। संसद का अगला सत्र नवम्बर में होगा और उसके चंद महीने बाद ही आम चुनाव होने हैं। सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस की समिति से जांच कराने की मांग निरर्थक है क्योंकि ऐसी समिति सत्तारुढ़ दल के नेता की अध्यक्षता में ही बनेगी। सिन्हा ने नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (कैग) से सौदे की फोरेंसिक जांच कराने पर बल देते हुए कहा कि ऐसी जांच 31 दिसम्बर तक समय सीमा में पूरी हो सकती है। सि?हा ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने 126 रफाल विमानों का सौदा 90 हजार करोड़ मेंं किया था जबकि मौजूदा सरकार ने 36 विमानों का सौदा 60 हजार करोड़ में किया है।
पहले सौदे के तहत 108 विमानों का उत्पादन भारत में होता और उसके लिए तकनीक का हस्तांतरण भी होता लेकिन नए सौदे में ऐसा नहीं है। सिन्हा ने कहा कि सिर्फ स”ााई उजागर होने के डर से सरकार सौदे का विवरण गोपनीयता के नाम पर सामने नहीं आने दे रही है। मोदी और अमित शाह पर निशाना साधते हुए सिन्हा ने कहा कि आज सिर्फ दो लोग ही एक साथ पार्टी और सरकार चला रहे हैं इसलिए बाकी लोगों से कोई फर्क नहीं पड़ता। सिन्हा ने कहा कि कभी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) को कांग्रेस ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन कहा जाता था लेकिन अब यह मोदी-अमित शाह इंवेस्टीगेशन ब्यूरो बनकर रह गया है।
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