हर चीज का हल होता है, आज नहीं तो कल-देवेंद्रसागर
बैंगलोरPublished: Aug 07, 2020 10:23:38 am
धर्मचर्चा
हर चीज का हल होता है, आज नहीं तो कल-देवेंद्रसागर
बेंगलूरु. आचार्य देवेंद्रसागर ने राजाजीनगर में धर्मचर्चा में कहा कि जिंदगी है तो संघर्ष है, तनाव है, काम का प्रेशर है, खुशी है, डर है। लेकिन अच्छी बात यह है कि ये सभी स्थाई नहीं हैं। समय रूपी नदी के प्रवाह में से सब प्रवाहमान हैं। कोई भी परिस्थिति चाहे खुशी की हो या गम की, कभी स्थाई नहीं होती, समय के अविरल प्रवाह में विलीन हो जाती है, ऐसा अधिकतर होता है कि जीवन की यात्रा के दौरान हम अपने आप को कई बार दु:ख, तनाव, चिंता, डर, हताशा, निराशा, भय, रोग इत्यादि के मकड़ जाल में फंसा हुआ पाते हैं। हम तत्कालिक परिस्थितियों के इतने वशीभूत हो जाते हैं कि दूर-दूर तक देखने पर भी हमें कोई प्रकाश की किरण मात्र भी दिखाई नहीं देती। दूर से चींटी की तरह महसूस होने वाली परेशानी हमारे नजदीक आते-आते हाथी जैसा रूप धारण कर लेती है और हम उसकी विशालता और भयावहता के आगे समर्पण कर परिस्थितियों को अपने ऊपर हावी हो जाने देते हैं। वह परिस्थिति हमारे पूरे वजूद को हिला डालती है। हमें हताशा, निराशा के भंवर में उलझा जाती है। एक-एक क्षण पहाड़ सा प्रतीत होता है और हममें से ज्यादातर लोग आशा की कोई किरण ना देख पाने के कारण हताश होकर परिस्थिति के आगे हथियार डाल देते हैं। अगर आप किसी अनजान, निर्जन रेगिस्तान मे फंस जाएं तो उससे निकलने का एक ही उपाए है, बस -चलते रहें। अगर आप नदी के बीच जाकर हाथ पैर नहीं चलाएंगे तो निश्चित ही डूब जाएंगे। जीवन में कभी ऐसा क्षण भी आता है, जब लगता है कि बस अब कुछ भी बाकी नहीं है। ऐसी परिस्थिति मे अपने आत्मविश्वास और साहस के साथ सिर्फ डटे रहें क्योंकि हर चीज का हल होता है, आज नहीं तो कल होता है, हम सभी परिस्थिति, काम , तनाव के दवाव में इतने जकड़ जाते हैं कि हमें कुछ सूझता नहीं है। हमारा डर हम पर हावी होने लगता है , कोई रास्ता ,समाधान दूर दूर तक नजर नहीं आता, लगने लगता है की बस, अब सब खत्म। जब ऐसा हो तो 2 मिनट शांति से बेठिए , अपने आराध्य को याद कीजिये और स्वयं से जोर से कहिये यह भी कट जाएगा। और फिर उस परिस्थिति से उबरने की शक्ति अपने अन्दर महसूस करेंगे।