आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर डिग्री, स्नातकोत्तर और डिप्लोमा के इंटरमीडिएट सेमेस्टर के छात्रों को अगले सैमेस्टर में प्रवेश दिया जाएगा। इंटरमीडिएट सेमेस्टर के छात्रों का मूल्यांकन, आंतरिक मूल्यांकन के अंकों और पिछले वर्ष या सेमेस्टर के अंकों के साथ 50:50 के अनुपात में किया जाएगा। हालांकि जो विद्यार्थी अपने अंकों से संतुष्ट नहीं होंगे उनके लिए अगले सेमेस्टर के दौरान परीक्षा आयोजित की जा सकती है। जो छात्र व्यापक मूल्यांकन प्रक्रिया में सफल नहीं हो पाएंगे, वे अगले सेमेस्टर के दौरान संबंधित विषयों के लिए परीक्षा दे सकते हैं। इसके अलावा बैकलॉग विषयों को भी आगे ले जाने की अनुमति दी जाएगी।
केवल अंतिम वर्ष या सेमेस्टर के छात्रों (exam only for final year and final semester students in Karnataka) के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशानिर्देशों के अनुसार परीक्षा सितंबर के अंत से पहले आयोजित की जाएगी। शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए ऑनलाइन कक्षाएं एक सितंबर और ऑफलाइन कक्षाएं एक अक्टूबर से शुरू होंगी।
उच्च शिक्षा मंत्री एवं उप मुख्यमंत्री डॉ. सीएन अश्वथ नारायण ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की और कहा कि निर्णय केवल शैक्षणिक वर्ष 2019-20 तक सीमित रहेगा। सरकार ने यह निर्णय शिक्षाविदों और विश्वविद्यालय के कुलपतियों से परामर्श करने, छात्रों के स्वास्थ्य, कल्याण और भविष्य के बारे में विचार करने के बाद लिया है। राज्यपाल ने इसके लिए अपनी सहमति दे दी है। इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों पर भी यह निर्णय लागू होगा।
उन्होंने कहा कि कोविड से शिक्षा प्रभावित हुई है। कक्षाएं आयोजित नहीं हो सकीं। लॉकडाउन के दौरान शुरू की गई ऑनलाइन शिक्षा को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और सरकार ने अंतिम विद्यार्थी तक पहुंचने की पूरी कोशिश की है। सरकार ने ऑफलाइन कक्षाओं और परीक्षाओं को भी आयोजित करने पर विचार किया, लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या में वृद्धि के कारण ऐसा नहीं हो सका।
उन्होंने कहा कि छात्रों के भविष्य को देखते हुए अंमित वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाएं जरूरी हैं। शैक्षणिक मूल्यांकन उच्च शिक्षा प्रणाली का मूल है और इसलिए छात्रों के अकादमिक प्रदर्शन पर विचार करने की आवश्यकता है। कंपनियां भी किसी छात्र की शैक्षणिक उत्कृष्टता और उनके द्वारा अर्जित ग्रेडों के आधार पर अपना आकलन करेंगी। परीक्षा के बिना ही डिग्री देने से विद्यार्थियों को भविष्य में कई स्तर पर परेशानी हो सकती है। इसलिए अंतिम वर्ष और सेमेस्टर के छात्रों के लिए परीक्षा आयोजित करने के लिए विश्वविद्यालयों को सूचित किया गया है।