scriptसिर्फ दो जिलों में निजी अस्पतालों का सहारा, बाकी मरीजों का इलाज सरकारी अस्पतालों में | except 2 private hospitals, covid patients being treated in govt hosp | Patrika News

सिर्फ दो जिलों में निजी अस्पतालों का सहारा, बाकी मरीजों का इलाज सरकारी अस्पतालों में

locationबैंगलोरPublished: May 29, 2020 02:18:40 am

Submitted by:

Nikhil Kumar

प्रदेश के अस्पतालों में बिस्तरों की कोई कमी नहीं है इसलिए फिलहाल असिंप्टोमेटिक या हल्के लक्षण वाले लोगों को भी अस्पताल में ही रखा जा रहा है।

दो निजी को छोड़ सभी कोविड मरीजों का सरकारी अस्पतालों में ही उपचार

दो निजी को छोड़ सभी कोविड मरीजों का सरकारी अस्पतालों में ही उपचार

बेंगलूरु. कोविड -19 प्रवक्ता मंत्री एस. सुरेश कुमार ने गुरुवार को कहा कि सिर्फ दो जिले ऐसे हैं जहां निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों का उपचार हो रहा है। बाकी जिलों में मरीजों का उपचार सरकारी अस्पतालों में ही हो रहा है। जहां सरकारी अस्पतालों में उपचार की सुविधा नहीं है, वहां निजी अस्पतालों की मदद ली गई है। ऐसे दो ही अस्पताल हैं। एक कोडुगू जिले में व दूसरा राजराजेश्वरी नगर में है जिसे रामनगर जिले के लिए रखा गया है।

सेवा सिंधु काफी
सुरेश कुमार ने कहा कि कर्नाटक आने के इच्छुक लोग सेवा सिंधु वेब पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं जो पर्याप्त है। आवेदन स्वीकृत होने पर उनका स्वागत है।

205 कोविड अस्पतालों में उपचार
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर प्रधान सचिव जावेद अख्तर ने बताया कि प्रदेश में कुल 527 सरकारी अस्पताल हैं जिन्हें कोविड अस्पताल, कोविड स्वास्थ्य केंद्र व कोविड देखभाल केंद्र के रूप में चिन्हित किया गया है। इनमें 206 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व 205 कोविड अस्पताल भी शामिल हैं।

अस्पतालों में पर्याप्त बिस्तर
उन्होंने कहा कि मध्यम व गंभीर मरीजों का उपचार कोविड अस्पतालों में किया जाता है। असिंप्टोमेटिक मरीजों के लिए कोविड देखभाल केंद्र काफी हैं। यहां तक कि होटल या हॉस्टल में भी इन्हें रखा जा सकता है। प्रदेश के अस्पतालों में बिस्तरों की कोई कमी नहीं है इसलिए फिलहाल असिंप्टोमेटिक या हल्के लक्षण वाले लोगों को भी अस्पताल में ही रखा जा रहा है।

इन्हें जांच के बिना मिलेगी होम क्वारंटाइन की इजाजत
अख्तर ने कहा कि ऐसे लोग जो संस्थागत क्वारंटाइन में एक सप्ताह बिता चुके हैं और असिंप्टोमेटिक हैं उन्हें कोरोना जांच (आरटी-पीसीआर) के बिना होम क्वारंटाइन की इजाजत देने का निर्णय लिया गया है। गहन स्वास्थ्य जांच के बाद ही 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों सहित हृदय, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, अस्थमा व गुर्दा आदि के मरीजों को होम क्वारंटाइन की इजाजत दी जाएगी। ऐसे सभी लोगों के एक सप्ताह तक होम क्वारंटाइन अनवार्य होगा। हाथ पर होम क्वारंटाइन स्टैंप के साथ इन्हें घर भेजा जाएगा। कोरोना निगरानी ऐप में भी ऐसे मरीजों की जानकारी दर्ज की जाएगी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो