प्रारंभ में उपाध्याय रविंद्र मुनि ने मंगलाचरण के बाद राष्ट्र संत तरुण सागर के दिवंगत होने पर उन्हें श्रद्धा से याद करते हुए गुणगान किया। अर्हम मुनि ने गीतिका सुनाई। पारस मुनि ने मांगलिक प्रदान की। महामंत्री गौतमचंद धारीवाल ने बताया कि चौमुखी जाप के लाभार्थी प्रकाशचंद सुशीलकुमार बाफना का जैन दुपट्टा ओढ़ाकर सम्मान किया।
सभा मे आध्यात्मिक चातुर्मास के मुख्य संयोजक रणजीतमल क़ानूगा, अशोक छाजेड़, राजेंद्र कोठारी व दिल्ली, कोटा, जयपुर तथा चेन्नई के स्थानकवासी, तमिलनाडु महिला मंडल की पदाधिकारियों सहित शहर के विभिन्न उपनगरीय संघो से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
माता पिता के प्रति भक्ति कम न हो
मैसूरु. स्थानकवासी जैन संघ के स्थानक भवन में डॉ समकित मुनि ने कहा कि माता पिता के प्रति अपनी भक्ति को कम नहीं करना है जो महानतम लोग हुए हैं, वे भी प्रात:काल उठकर माता पिता को प्रणाम करते हैं। उन्होंने कहा कि राम कृष्ण, चाणक्य आदि महापुरुषों ने मां बाप को कभी उदास नहीं किया। ऐसे उज्जवल महापुरुषों से भीष्म पितामह भरा पड़ा है। जो मां बाप के लिए सब कुछ न्यौछावर करने को तैयार हो गए, राजपाट छोड़कर वनवास के लिए निकल गए। हमें आज अपने बच्चों को अपना इतिहास बताना चाहिए। ये सभी हमारी धरोहर है।
मैसूरु. स्थानकवासी जैन संघ के स्थानक भवन में डॉ समकित मुनि ने कहा कि माता पिता के प्रति अपनी भक्ति को कम नहीं करना है जो महानतम लोग हुए हैं, वे भी प्रात:काल उठकर माता पिता को प्रणाम करते हैं। उन्होंने कहा कि राम कृष्ण, चाणक्य आदि महापुरुषों ने मां बाप को कभी उदास नहीं किया। ऐसे उज्जवल महापुरुषों से भीष्म पितामह भरा पड़ा है। जो मां बाप के लिए सब कुछ न्यौछावर करने को तैयार हो गए, राजपाट छोड़कर वनवास के लिए निकल गए। हमें आज अपने बच्चों को अपना इतिहास बताना चाहिए। ये सभी हमारी धरोहर है।