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यूवीसीई के पूर्व विद्यार्थियों का प्रदर्शन

locationबैंगलोरPublished: Aug 18, 2017 09:40:00 pm

यूनिवर्सिटी विश्वेश्वरैय्या कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (यूवीसीई) के पूर्व विद्यार्थियों ने गुरुवार को प्रदर्शन किया। विद्यार्थी यूवीसीई के के.आर. सर्किल से

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बेंगलूरु. यूनिवर्सिटी विश्वेश्वरैय्या कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (यूवीसीई) के पूर्व विद्यार्थियों ने गुरुवार को प्रदर्शन किया। विद्यार्थी यूवीसीई के के.आर. सर्किल से बेंगलूरु विश्वविद्यालय के ज्ञान भारती परिसर में स्थानांतरित करने के प्रदेश सरकार के निर्णय का विरोध कर रहे थे। ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक छात्र संगठन ने भी प्रदर्शन में भाग लिया।


संगठन के उपाध्यक्ष रविनंदन बी.बी. ने कहा कि संगठन जल्द ही एक हस्ताक्षर अभियान चलाएगा और हस्ताक्षरों के साथ उच्चतर शिक्षा मंत्री बसवराज रायरेड्डी से मुलाकत कर यूवीसीई के साथ न्याय की मांग करेगा। यूवीसीई की हालत पहले से ही खराब है। भवन तक पुराना हो चुका है।


मूलभूत सुविधाओं की कमी है। यूवीसीई की स्थिति सुधारने की जरूरत है न कि इसे इसकी जगह से कहीं और ले जाने की। ज्ञान भारती परिसर में नए भवन बना यूवीसीई का विस्तार किया जा सकता है। लेकिन मौजूदा परिसर को हटाए बिना।


प्रदर्शन में शामिल विद्यार्थियों का कहना था कि यूवीसीई का अपना इतिहास है और हजारों विद्यार्थियों की यादें इससे जुड़ी हैं। वे प्रदेश सरकार को ज्ञापन सौंप यूवीसीई को इसके मौजूदा स्थान पर ही रहने देने की मांग करेंगे। बीयू के बंटवारे के बाद प्रदेश सरकार न यूवीसीई को ज्ञान भारती परिसर ले जाने के निर्देश दिए थे। ऊपर से बीयू और बेंगलूरु केन्द्रीय विश्वविद्यालय दोनों यूवीसीई पर अपना हक जता रहे हैं। बीयू के पूर्व कुलपति प्रो. एन. प्रभुदेव और पद्म विभूषण पुरस्कार विजेता रोड्डम नरसिम्हा सहित कई पूर्व छात्रों ने प्रदर्शन में भाग लिया।

यूवीसीई के कई व्याख्याता भी प्रदर्शन में शामिल हुए। व्याख्याताओं का कहना था कि प्रदेश सरकार ने बजट में यूवीसीई के लिए २५ करोड़ आवंटित किया था। यूवीसीई एक विरासती भवन है। २५ करोड़ का इस्तमाल इसके विकास में किया जा सकता है। यूवीसीई के पांच विभागों में करीब ३५०० विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं।

विदेशों से भी समर्थन
विदेशों में रह रहे यूवीसीई के कई पूर्व विद्यार्थियों ने भी यूवीसीई को शिफ्ट न करने की मांग की है। अमरीका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, लंदन आदि देशों में रहे रहे पूर्व विद्यार्थियों ने अपनी तस्वीर भेजी है, जिसमें वे उनके देश के विरासत या प्रसिद्ध भवनों के आगे खड़े हैं। हाथों में पोस्टर हैं, जिसमें उन्होंने यूवीसीई को शिफ्ट न करने की अपील की है।

करना होगा आदेश का पालन
&यूवीसीई के संबंधित अधिकारियों के साथ दो बार बैठक हुई है। समाधान निकालने की कोशिश जारी है। यूवीसीई को बीयू के ज्ञान भारती परिसर ले जाने के सरकारी निर्देश का पालन करना पड़ेगा। जिसे चरणबद्ध तरीके से अंजाम दिया जाएगा। बाकी प्रदेश सरकार के निर्णय पर निर्भर करेगा।
प्रो. एच.एन. रमेश, कुलपति, बेंगलूरु विश्वविद्यालय

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