कर्नाटक स्पोटर््स डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश जैन ने कहा कि एक ओर केन्द्र सरकार खेलों को बढ़ावा देने की बात करती है। वहीं दूसरी ओर खेलों के साजो सामान पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगा रखा है। इससे खेलों के साजो सामान आमजन के लिए खरीदना आसान नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार योग से रोग भगाने की बात तो करती है लेकिन योग के काम में आने वाली मैट पर भी 18 प्रतिशत जीएसटी लगा रखा है। आम लोग तो उस मैट को खरीदने की सोच भी नहीं सकते हैं। उन्होंने कहा कि खेलों के साजो सामान स्कूल कॉलेजों में ज्यादा खरीदे जाते हैं, लेकिन सरकार इस मुद्दे को लगातार नजरअंदाज किए हुए है। उन्होंने केन्द्र सरकार से आगामी बजट में खेलों व योग के साजो सामान पर लगने वाला 18 प्रतिशत जीएसटी स्लैब सबसे न्यून करने की मांग की। उन्होंने कहा कि खेलों के साजो सामान पर लगने वाले जीएसटी स्लैब में परिवर्तन की मांग को लेकर केन्द्रीय वित्तमंत्री को कई पत्र भी लिखे लेकिन किसी पर भी सुनवाई नहीं हुई।
रेडिमेड गारमेंट व्यवसायी सिद्धार्थ मेहता ने कहा कि जीएसटी में व्यापारी का पेपर वर्क इतना बढ़ गया है कि वह व्यापार छोड़कर दिन भर पेपर वर्क ही करता रहता है। सरकार से अनुरोध है कि वह जीएसटी को इतना सरल बनाए कि एक ही फार्म में उसकी फाइलिंग हो जाए और आम व्यक्ति भी जीएसटी भर सके। बैंकिंग की पैनल्टी को समाप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि पार्टी हमारे माल के एवज में चेक दे रही है। वह चेक रिटर्न हो रहा है तो इसमें व्यापारी की कोई गलती नहीं है। इसके बावजूद बैंक पैनल्टी वसूल रहा है। छोटे-छोटे व्यापारियों द्वारा उधार में बेचे गए माल की वसूली नहीं हो रही है। इसका करोड़ों रुपया बेेंगलूरु में ही डूबत में जा रहा है। सरकार को व्यापारियों को राहत देने के लिए कोई रास्ता इस बजट में निकालना चाहिए।
हितेश जैन ने कहा कि दवाइयों के व्यवसाय में भी अलग-अलग तरह के कर होने से व्यापार प्रभावित हो रहा है। एक ही कर तय करना चाहिए। उन्होंने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाकर आमजन को राहत देने की बात कही। बैंकिंग सेक्टर से जुड़े पवन पाण्डेय ने कहा कि सरकारी बैंक की भांति निजी बैंकों को भी मुद्रा लोन देने के लिए पाबंद किया जाए। उन्होंने नए व्यापारियों को भी मदद के तौर पर 5 लाख तक का मुद्रा लोन दिलाने की मांग की।
स्पोट्र्स सामान वितरक हनी जैन ने कहा कि जीएसटी पांच प्रतिशत पर आने से हर वर्ग को राहत मिलेगी। इससे जहां सरकार को कर राजस्व में रूप में काफी राशि मिलेगी वहीं लोग खरीदारी की ओर रुख कर सकेंगे। इस अवसर पर मितेष गांधी, पी.के.शर्मा, कुशाल सौफाडिय़ा, टीकम जैन आदि व्यापारी उपस्थित थे।
स्पोट्र्स सामान वितरक हनी जैन ने कहा कि जीएसटी पांच प्रतिशत पर आने से हर वर्ग को राहत मिलेगी। इससे जहां सरकार को कर राजस्व में रूप में काफी राशि मिलेगी वहीं लोग खरीदारी की ओर रुख कर सकेंगे। इस अवसर पर मितेष गांधी, पी.के.शर्मा, कुशाल सौफाडिय़ा, टीकम जैन आदि व्यापारी उपस्थित थे।
आयकर का दायरा बढ़ाएं
आयकर का दायरा बढ़ाया जाना चाहिए। गौरव अग्रवाल ने कहा कि आज के समय में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाना बहुत जरूरी है। इससे कीमतों में गिरावट के कारण बाजार पर बहुत असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि 80सी की लिमिट जो 25 वर्ष से डेढ़ लाख है, सरकार उसे बढ़ाने पर ध्यान दे।
– अन्नाराम राजपुरोहित
आयकर का दायरा बढ़ाया जाना चाहिए। गौरव अग्रवाल ने कहा कि आज के समय में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाना बहुत जरूरी है। इससे कीमतों में गिरावट के कारण बाजार पर बहुत असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि 80सी की लिमिट जो 25 वर्ष से डेढ़ लाख है, सरकार उसे बढ़ाने पर ध्यान दे।
– अन्नाराम राजपुरोहित
आयकर दरों में हो बदलाव
सरकार को व्यापारियों को राहत देने के लिए बहुत कठोर कदम लेने होंगे। 10 से 25 लाख के स्लैब में आयकर 10 प्रतिशत तक करना चाहिए। 25 लाख से अधिक के स्लैब में कंपनी के लिए निर्धारित कर ही रखना चाहिए। अर्थ व्यवस्था की रीढ़ कही जाने वाले लघु एवं मध्यम इंटरप्राइजेज पर कर की दरें घटानी चाहिए।
– सौरभ, स्टार्ट-अप उद्यमी
सरकार को व्यापारियों को राहत देने के लिए बहुत कठोर कदम लेने होंगे। 10 से 25 लाख के स्लैब में आयकर 10 प्रतिशत तक करना चाहिए। 25 लाख से अधिक के स्लैब में कंपनी के लिए निर्धारित कर ही रखना चाहिए। अर्थ व्यवस्था की रीढ़ कही जाने वाले लघु एवं मध्यम इंटरप्राइजेज पर कर की दरें घटानी चाहिए।
– सौरभ, स्टार्ट-अप उद्यमी
स्वास्थ्य खर्च पर छूट सीमा बढ़े
स्वास्थ्य पर खर्च बहुत ज्यादा बढ़ गया है। इसलिए 80 डी में 25 हजार की लिमिट है उसे बढ़ाकर एक लाख कर दिया जाना चाहिए। कांतिलाल ने कहा कि स्वास्थ्य बीमा पर तो जीएसटी हटा देना चाहिए। कल्पेश सेठ ने कपड़ों पर जीएसटी के दो स्लैब हटाकर एक ही स्लैब किया जाए।
– कांतिलाल वोतावत व तरुण वोतावत, बीमा सलाहकार
स्वास्थ्य पर खर्च बहुत ज्यादा बढ़ गया है। इसलिए 80 डी में 25 हजार की लिमिट है उसे बढ़ाकर एक लाख कर दिया जाना चाहिए। कांतिलाल ने कहा कि स्वास्थ्य बीमा पर तो जीएसटी हटा देना चाहिए। कल्पेश सेठ ने कपड़ों पर जीएसटी के दो स्लैब हटाकर एक ही स्लैब किया जाए।
– कांतिलाल वोतावत व तरुण वोतावत, बीमा सलाहकार
व्यापारियों पर ना हो एमडीआर का बोझ
एक ओर हम डिजिटलाइजेशन की बात कर रहे हैं वहीं बैंकिंग चार्ज लगाते हैं जैसे व्यापारी के पास कोई वस्तु खरीदने आता है तो व्यापारी को दो प्रतिशत शुल्क भरना पड़ता है। बैंक से दो प्रतिशत (मर्चेंट डिस्काउंट रेट यानी एमडीआर) काटकर ही उसे भुगतान मिलता है। बैंकिंग कार्ड स्वाइप का जो पैसा लग रहा है उससे राहत मिलनी चाहिए। जो इस सुविधा का उपयोग कर रहा है शुल्क भी वही दे।
– दिलीप जैन,गारमेंट व्यवसायी
एक ओर हम डिजिटलाइजेशन की बात कर रहे हैं वहीं बैंकिंग चार्ज लगाते हैं जैसे व्यापारी के पास कोई वस्तु खरीदने आता है तो व्यापारी को दो प्रतिशत शुल्क भरना पड़ता है। बैंक से दो प्रतिशत (मर्चेंट डिस्काउंट रेट यानी एमडीआर) काटकर ही उसे भुगतान मिलता है। बैंकिंग कार्ड स्वाइप का जो पैसा लग रहा है उससे राहत मिलनी चाहिए। जो इस सुविधा का उपयोग कर रहा है शुल्क भी वही दे।
– दिलीप जैन,गारमेंट व्यवसायी