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उम्मीद थी कि कम से कम 15 विधायक उनके साथ आएंगे

locationबैंगलोरPublished: Jan 02, 2019 07:23:00 pm

Submitted by:

Sanjay Kumar Kareer

पंद्रह असंतुष्ट विधायकों का समर्थन जुटाने में जारकीहोल्ली को अभी नहीं मिली सफलता

jarkiholi

उम्मीद थी कि कम से कम 15 विधायक उनके साथ आएंगे

अमित शाह से नहीं हो पाई मुलाकात

बेंगलूरु. कांग्रेस विधायक रमेश जारकीहोली को 15 विधायकों का समर्थन जुटाने में अब तक सफलता नहीं मिली है। इसी वजह से उनकी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात नहीं हो पाई।

224 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 104, कांग्रेस व जद-एस के 118 तथा 2 निर्दलीय सदस्य हैं। दोनों दलों के 15 विधायकों के त्यागपत्र देनेे की स्थिति में दोनों दलों के सदस्यों की संयुक्त संख्या घटकर 103 रह जाएगी और सरकार अल्पमत में आ जाएगी। सरकार गिरने की स्थिति में भाजपा 2 निर्दलीय सदस्यों के समर्थन से सत्ता में आ सकती है। सूत्रों का कहना है कि मंत्री पद से हटाने के बाद सरकार गिराने पर आमादा रमेश जारकीहोली ने अपने कुछ असंतुष्ट साथियों के साथ दिल्ली में डेरा डाल रखा है लेकिन समर्थन नहीं मिलने के कारण वे अकेले पड़ गए हैं। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद जारकीहोली को उम्मीद थी कि कम से कम 15 विधायक उनके साथ आएंगे। इसी उम्मीद में उन्होंने पार्टी से पंगा भी ले लिया पर अभी तक उनकी अमित शाह से भेंट भी नहीं हुई , दूसरी तरफ उन्होंने कांग्रेस का विश्वास भी खो दिया है और अब अकेले पड़ गए बताए जाते हैं।

बताया जाता है कि जारकीहोली रोज अपने समर्थक व परिचित विधायकों से संपर्क कर उन्हें दिल्ली आने को कह रहे हैं। रमेश ने इन विधायकों को 25 से 30 करोड़ रुपए देने के साथ ही उपचुनाव में भाजपा का टिकट दिलाकर जिताने व जीतने के बाद मंत्री पद दिलाने के प्रलोभन दिए हैं लेकिन विधायक त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने का साहस नहीं कर पा रहे हैं। मजेदार बात यह है कि जारकीहोली के संपर्क करते ही विधायक तत्काल इस बारे में कुमारस्वामी, सिद्धरामय्या तथा परमेश्वर को जानकारी दे रहे हैं। इसी वजह से सिद्धरामय्या ने दो दिन पहले मैसूरु में कहा था कि भाजपा नेता कांग्रेस विधायकों को त्यागपत्र देने के लिए 25-30 करोड़ रुपए का प्रलोभन दे रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार रमेश जारकीहोली की पिछले दिनों प्रकाश जावड़ेकर, बीएस येड्डियूरप्पा तथा बी. श्रीरामुलु के साथ दो बार वार्ता हुई है। लेकिन भाजपा नेताओं ने पहले 15 विधायकों के इस्तीफे दिलाकर उन्हें दिल्ली लाने के बाद ही सरकार गठन की कवायद शुरू करने की शर्त रखी है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष येड्डियूरप्पा ने हालात पर पैनी नजर है और उन्होंने साफ कहा है कि भाजपा गठबंधन सरकार गिराने का प्रयास नहीं करेगी लेकिन यदि सरकार स्वत: गिरती है तो वे चुप नहीं बैठेंगे। येड्डियूरप्पा ने कहा कि जारकीहोली की दिल्ली में अमित शाह से भेंट होने की कोई संभावना नहीं है। शाह लोकसभा चुनाव की तैयारियों में व्यस्त हैं।

सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल से हटाए जाने के दो दिन बाद से ही कांग्रेस नेता रमेश जारकीहोली से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। जारकीहोली समर्थन जुटाने के लिए अभी कुछ दिन प्रतीक्षा करेंगे लेकिन सफलता नहीं मिलने पर वे विधायक पद से त्यागपत्र देकर कांग्रेस को अलविदा कहेेंगे।


भाजपा ने कांग्रेस छोडऩे का प्रलोभन दिया : एमवाई पाटिल

इस बीच, अफजलपुर से कांग्रेस विधायक एम.वाई. पाटिल ने आरोप लगाया है कि भाजपा नेताओं ने उन्हें पार्टी में शामिल होने तथा राज्य में भाजपा की सरकार बनवाने में सहयोग देने की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस में ही रहेंगे और सरकार बनाने के भाजपा के किसी प्रयास को सफल नहीं होने देंगे। गठबंधन सरकार अपना पांच सालों का कार्यकाल पूरा करेगी।

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