बढ़ेगी संख्या
स्वास्थ्य आयुक्त पंकज कुमार पांडे भी मानते हैं कि विशेषकर गत एक सप्ताह में आरटी-पीसीआर जांच घटी है। लेकिन जल्द ही संख्या बढ़ेगी।
आरटी-पीसीआर ज्यादा भरोसेमंद
विशेषज्ञों के अनुसार आरटी-पीसीआर जांच में भी फॉल्स निगेटिव या फॉल्स पॉजिटिव रिपोर्ट की संभावना है लेकिन यह आरएटी से ज्यादा भरोसेमंद है। आरटी-पीसीआर के मुकाबले आरएटी सस्ती है और नतीजे आधे घंटे में मिलते हैं जबकि आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट आने में न्यूनतम आठ घंटे लगते हैं। आरएटी कहीं भी की जा सकती है लेकिन आरटी-पीसीआर जांच के लिए लैब चाहिए। नियमानुसार आरएटी रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मरीज की आरटी-पीसीआर जांच भी होनी चाहिए। लेकिन हर मामले में यह संभव नहीं है। आरएटी रिपोर्ट फॉल्स निगेटिव हो तो मरीज के छूट जाने और संक्रमण फैलने का खतरा रहता है।
स्वास्थ्य विभाग भी ऐसे मामलों को लेकर चिंता में है। इनके अनुसार कम वायरल लोड या जांच के तरीके भी रिपोर्ट प्रभावित करते हैं। आरटी-पीसीआर के 99 फीसदी रिपोर्ट सही आ रहे हैं। कुछ मामलों के कारण जांच प्रणाली पर सवाल उठाना सही नहीं है।
अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी
प्रक्रिया अस्पताल के निदेशक डॉ. के. आर. माधव ने बताया कि इस तरह के मामले अब हैरान नहीं करते हैं लेकिन चिकित्सकों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। आरटी-पीसीआर की निगेटिव या पॉजिटिव कोरोना रिपोर्ट भी गलत हो सकती है। विशेष कर उन मामलों में जब जांच जल्दी की गई हो। क्योंकि वायरल लोड कम होने की स्थिति में सैंपल में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि नहीं होती है। जांच के लिए थ्रोट स्वाब लेने का तरीका गलत हो तब भी रिपोर्ट के फॉल्स पॉजिटिव या फॉल्स निगेटिव होने की संभावना रहती है।
इन मामलों में आरटी-पीसीआर जांच के निर्देश
असिंपटेमेटिक लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आने पर दोबारा जांच करने की जरूरत नहीं है। सिंपटेमेटिक लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आने की स्थिति में फिर से जांच करने के निर्देश दिए गए हैं जिसका सख्ती से पालन हो रहा है। मरीज की आरटी-पीसीआर जांच की जाती है। प्रोटोकॉल के अनुसार जांच हो रही है।
-डॉ. सी. एन. मंजुनाथ,
नोडल अधिकारी (टेस्टिंग)।
तारीख – आरएटी – आरटी-पीसीआर
एक अगस्त – 21,075 – 13,685
दो अगस्त – 18,517 – 14,500
तीन अगस्त – 18,074 – 09,915
चार अगस्त – 29,488 – 12,970
पांच अगस्त – 27,734 – 15,904
छह अगस्त – 27,930 – 20,491