बैंगलोर

मातृत्व की व्याख्या शब्दों में संभव नहीं: आचार्य देवेंद्रसागर

जयनगर में प्रवचन

बैंगलोरMay 09, 2021 / 05:59 pm

Santosh kumar Pandey

बेंगलूरु. जयनगर के राजस्थान जैन मूर्तिपूजक संघ में आचार्य देवेंद्रसागर सूरी ने मातृ दिवस पर कहा कि प्रेरणा एक तरह की अनुभूति है जो हमें किसी चुनौती या फिर कार्य को सफलता पूर्वक प्राप्त करने में हमारी सहायता करती है। यह एक प्रकार की प्रवृति है, जो हमारे शारीरिक तथा सामाजिक विकास में हमारी सहायता करता है।
किसी व्यक्ति तथा घटना से प्राप्त प्रेरणा हमें इस बात का अहसास कराती है कि हम विकट परिस्थियों में भी किसी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। हम अपनी क्षमताओं के विकास के लिए अन्य स्त्रोतों से प्रेरणा प्राप्त करते हैं, जिसमें मुख्यत: विख्यात व्यक्ति या फिर हमारे आस-पास का विशेष व्यक्ति हमें इस बात के लिए प्रेरित करता है कि यदि उसके द्वारा विकट परिस्थितियों में भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है तो हमारे द्वारा भी यह कार्य अवश्य ही किया जा सकता है।
कई लोगों के जीवन में प्रसिद्ध व्यक्ति या फिर उनके माता-पिता उनके प्रेरणा स्त्रोत होते हैं। मायने यह नही रखता कि आपका प्रेरणा स्त्रोत कौन है, मायने यह रखता है कि आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में उसके विचारों और तरीकों से कितने ज्यादा प्रभावित हैं। लेकिन सबसे प्रेरणादायी यदि कोई व्यक्ति है तो वह है अपनी मां, मां एक ऐसा शब्द है, जिसके महत्व के विषय में जितनी भी बात की जाए कम ही है।

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