दोनों आरोपी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में दलाली करते थे। दोनों केवल 3000 रुपए में जाली आरसी और 500 से 1000 रुपए के लिए जाली बीमा दस्तावेज बना देते थे। संतोष क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों से डीआरसी हुए स्मार्ट कार्ड चुरा कर श्रीधर को लाकर देता था। श्रीधर स्मार्ट कार्ड से मूल मालिक का नाम मिटा कर जाली कार्ड बनाता था। इसके अलावा वाहनों के बीमा के जाली दस्तावेज भी बनाता था।
सीसीबी को सूचना मिलने पर शहर के एक क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के परिसर स्थित एक दुकान पर छापा मार कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। उनसे कई जाली आर.सी.कार्ड और बीमा के जाली दस्तावेज जब्त किए गए। जांच से पता चला है कि आरोपियों ने 135 कार, दुपहिया और भारी वाहनों के आर.सी.कार्ड और बीमा दस्तावेज बनाए है।