बैंगलोर

पानी के लिए धरने पर किसान, CM ने कहा उनके हाथ कुछ नहीं

केंद्र सरकार ही दे सकती है निर्देश
चार दिन से धरने पर बैठे किसान
उपमुख्यमंत्री परमेश्वर ने की किसानों से मुलाकात

बैंगलोरJun 24, 2019 / 08:34 pm

Santosh kumar Pandey

पानी के लिए धरने पर किसान, CM ने कहा उनके हाथ कुछ नहीं

बेंगलूरु. पिछले कई वर्षों से लगातार सूखे से जूझ रहे राज्य में जल संकट दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है। पीने के पानी की कमी के बाद अब किसानों ने सिंचाई के पानी के लिए प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
मंड्या जिले में पिछले चार दिन से धरने पर बैठे किसानों ने मांग की है कि कावेरी नदी और हेमावती जलाशय का पानी नहरों में छोड़ा जाए। इस मुद्दे पर राज्य के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कहा कि उनके हाथ में कुछ नहीं है। इस मामले में केंद्र सरकार ही निर्देश जारी कर सकती है।
इससे पहले फसलों के संभावित नुकसान को देखते हुए मांड्या जिले में किसानों ने कावेरी और हेमावती से नहरों में छोडऩे के लिए प्रदर्शन शुरू कर दिया है। चार दिन से प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांग है कि नहर में पानी छोड़ा जाए, जिससे खेतों में खड़ी फसलों को बचाया जा सके। राज्य के उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने सोमवार को प्रदर्शन कर रहे किसानों से मुलाकात भी की। इस दौरान उन्होंने किसानों से कहा कि वे इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री कुमारस्वामी से बात करेंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस साल बारिश नहीं हुई है। बारिश होने के बाद ही पानी छोडऩे की स्थिति होगी।
किसानों के प्रदर्शन के बारे में मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कहा, ‘केंद्र सरकार ने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) का गठन किया है। इस प्राधिकरण ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि 9 टीएमसी पानी तमिलनाडु को दिया जाए। बेंगलूरु समेत कई गांवों में पीने के पानी की समस्या हो गई है। इसमें केंद्र सरकार ही सीडब्ल्यूएमए को निर्देश दे सकती है, मेरे हाथ में कुछ नहीं है।’

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