बैंगलोर

किसानों ने चार हजार लीटर दूध नाली में बहाया

किसानों का आरोप, दुग्ध महासंघ (KMF) ने किया दूध लेने से इनकार

बैंगलोरMay 25, 2020 / 02:57 pm

Santosh kumar Pandey

किसानों ने चार हजार लीटर दूध नाली में बहाया

बेंगलूरु. होसकोटे के निकट चिक्का कोरटी गांव के दुग्ध उत्पादक किसानों को मजबूरन चार हजार लीटर दूध नाली में बहा देना पड़ा क्योंकि गांव में कोरोना का मरीज होने के कारण दुग्ध महासंघ ने दूध लेने से इनकार कर दिया।
किसानों के अनुसार गांव की एक गर्भवती महिला को कोरोना पॉजिटिव पाया गया। जिसके बाद पूरे गांव को सील किया गया था। किसानों का आरोप है कि गांव सील होने केे कारण दुग्ध महासंघ ने दूध लेने से इनकार कर दिया जिसके बाद उन्हें मजबूरन चार हजार लीटर दूध नाली में फेंक देना पड़ा।
प्रतिदिन चार हजार लीटर दूध का उत्पादन
स्वास्थ्य विभाग ने पॉजिटिव महिला के तीन परिजनों को संस्थागत क्वारंटाइन में भेज दिया है। गांव के एक किसान गुरु कोरटी ने बताया कि होसकोटे तहसील मेंं हमारा गांव दुग्ध उत्पादन में अव्वल है। गांव में प्रतिदिन चार हजार लीटर दूध का उत्पादन होता है।
दुग्ध महासंघ को पता चला कि गांव में कोरोना का मरीज पाया गया है तो उन्होंने दूध लेने से इनकार कर दिया। निराश होकर हमने दूध को नाली में डाल दिया।

गुरु का कहना था कि हम न तो दूध बेच पा रहे हैं और न ही अपनी सब्जियों को। सरकार को हमारी समस्या का समाधान करना चाहिए।
वहीं कर्नाटक दुग्ध महासंघ के एक अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी। ऐसी कोई नीति नहीं है कि जहां से कोरोना के मरीज मिलें वहां से दूध नहीं लिया जाना चाहिए।

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