आगामी चातुर्मास वीवीपुरम में निश्चित बेंगलूरु. युवाचार्य उदयप्रभ सूरीश्वर आदि ठाणा व काव्यरत्नाश्री आदि ठाणा का आगामी चातुर्मास जैन श्वेतांबर संघ चिकपेट के तत्वावधान में संभवनाथ जैन मंदिर वीवीपुरम के प्रांगण के लिए निश्चित हुआ है। रविवार को मोती शा भायखला जैन संघ मुंबई में इसकी घोषणा हुई। आदिनाथ जैन संघ चिकपेट के ट्रस्ट मंडल से हंसमुख खिंवेसरा, त्रिलोक भंडारी के साथ सदस्य पोपटलाल, भेरुलाल, महेंद्र, जितेंद्र, कैलाश व विक्रम गुरु भी उपस्थित रहे।
आचार्य जयमल ने जिनशासन की रक्षा की बेंगलूरु. जय परिसर महावीर धर्मशाला में आयोजित आचार्य जयमल के 311वें जन्मोत्सव पर जयधुरन्धर मुनि ने कहा कि भारत की पावन वसुन्धरा ने अनादिकाल में समय समय पर अनेक महापुरुषों को अवतरित करने का गौरव प्राप्त किया है।
उन्होंने कहा कि जब जब भी इस तपो भूमि पर अत्याचार, अन्याय, अनीति का बोलबोला बढऩे से जन जीवन विनाश के कगार पर पहुंचने लगता है, तब तब कोई न कोई महापुरुष इस धरती पर जन्म लेकर उन अत्याचारों का शमन करता है। ऐसी विषमता की आग में आचार्य जयमल ने जिनशासन की रक्षा की। उनका आचार विचार, सिद्धांत, कार्यक्षमता, अनुपमय अद्वितीय अविस्मरणीय रहा। जयकलश मुनि ने गुरु गुणगान करते हुए गीतिका प्रस्तुत की। जयपुरंदर मुनि ने भी विचार व्यक्त किए। महिला मंडल, बहु मंडल व जेपीपी महिला फाउंडेशन चेन्नई ने गुरु भक्ति पर संगान किया। जन्मोत्सव को तप, त्यागपूर्वक मनाते हुए ३११ सामूहिक उपवास, एकासन के तेले, शीलव्रत सहित अनेक प्रत्याख्यान हुए।
उन्होंने कहा कि जब जब भी इस तपो भूमि पर अत्याचार, अन्याय, अनीति का बोलबोला बढऩे से जन जीवन विनाश के कगार पर पहुंचने लगता है, तब तब कोई न कोई महापुरुष इस धरती पर जन्म लेकर उन अत्याचारों का शमन करता है। ऐसी विषमता की आग में आचार्य जयमल ने जिनशासन की रक्षा की। उनका आचार विचार, सिद्धांत, कार्यक्षमता, अनुपमय अद्वितीय अविस्मरणीय रहा। जयकलश मुनि ने गुरु गुणगान करते हुए गीतिका प्रस्तुत की। जयपुरंदर मुनि ने भी विचार व्यक्त किए। महिला मंडल, बहु मंडल व जेपीपी महिला फाउंडेशन चेन्नई ने गुरु भक्ति पर संगान किया। जन्मोत्सव को तप, त्यागपूर्वक मनाते हुए ३११ सामूहिक उपवास, एकासन के तेले, शीलव्रत सहित अनेक प्रत्याख्यान हुए।