प्रदूषित जल के इस्तेमाल से 5 लोग दम तोड़ चुके हैं वहीं, उल्टी-दस्त से पीडि़त सैकड़ों अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। अस्पताल में भर्ती रायचूर कस्बे के जनकराज (48) की भी एक दिन पहले मौत हो गई। दूषित पानी पीने के बाद उन्हें भर्ती कराया गया था। स्थानीय लोगों के मुताबिक रायचूर कस्बे के सभी 35 वार्डों को रामपुरु जलाशय से पीने का पानी मिलता है। लेकिन, लोगों का आरोप है कि शहर में प्रदूषित पानी की आपूर्ति की जाती है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं।
पानी पीते ही पड़े बीमार
रायचूर के एक निजी फर्म में काम करने वाली 22 वर्षीय समरीना ने कहा कि मैं अपने गृहनगर लौटी तो बीमार पड़ गई। मैं घर आई और अगली सुबह उल्टी और दस्त होने लगे। मुझे अस्पताल में भर्ती कराया गया क्योंकि पहले से ही मेरी दादी को इसी कारण भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल में भर्ती मरीज दस्त, उल्टी, डिहाइड्रेशन के शिकार हैं। गुर्दो में तीव्र संक्रमण की शिकायत भी थी। कुछ गंभीर मामलों में मरीजों का डायलिसिस भी करना पड़ा। यह बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण के कारण हो सकता है।
दो अधिकारी निलंबित, जरूरत पड़ी तो दर्ज होंगे आपराधिक मामले: सीएम
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि सभी वार्डों के पानी के नमूनों की जांच की जा रही है। जरूरत पडऩे पर आपराधिक मामले दर्ज किए जाएंगे। उन्होंने कहा 'रायचूर में दूषित पानी पीने से हुई मौतों की जांच की जा रही है। यदि आवश्यक हुआ तो आपराधिक मामले दर्ज किए जाएंगे। पहले ही दो अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है।
सतर्क हुआ प्रशासन
रायचूर जिले के उपायुक्त चंद्रशेखर नायक एल. ने कहा कि फिल्ट्रेशन इकाइयों को कुछ समय से साफ नहीं किया गया था। इससे पानी दूषित हो गया था। अब, ओवरहेड टैंक (ओएचटी) से क्लोरीनीकरण करके पानी की आपूर्ति की जा रही है। पाइपलाइनों की भी जांच हो रही है कि क्या कोई समस्या है। तीन जगह से बड़े पैमाने पर पानी की आपूर्ति की जाती है। हर स्तर पर इसे देख रहे हैं। मरने वाले लोगों में सोलह वर्षीय राजेश्वरी की मां मलम्मा (40) शामिल थीं। राजेश्वरी ने कहा 'मेरी मां की पिछले हफ्ते प्रदूषित पानी पीने से मौत हो गई थी। वह रोटी केंद्र में काम करती थी। मेरे पिता कुली हैं। दूषित पानी के कारण यहां के बहुत से लोग बीमार पड़ गए। दस्त और उल्टियां करने लगे। अब तो पानी का गिलास उठाते समय डर भी लगता है।'