केरल से आए बुखार पीडि़तों की 18 दिन तक निगरानी
हर जिले में रैपिड रेस्पांस टीम गठित, आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण

बेंगलूरु. मेंगलूरु में मंगलवार को निपाह वायरस के दो संदिग्ध मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने वायरस प्रभावित क्षेत्रों से कर्नाटक आने वाले बुखार प्रभावित लोगों पर कम-से-कम 18 दिनों तक निगरानी रखने का निर्णय लिया है। वायरस के अन्य लक्षण वाले लोगों की जांच भी होगी। हाई अलर्ट वाले जिले के सरकारी और चयनित अस्पतालों को किसी भी आपातकालीन स्थित से निपटने के लिए दो बिस्तर आरक्षित रखने के लिए कहा गया है।
वेंटिलेटर युक्त आईसीयू की सुविधा वालों अस्पतालों की पहचान कर उन्हें भी हमेशा तैयार रहने के निर्देश दिए जाएंगे। रैपिड रेस्पांस टीम भी अलर्ट पर है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में अनुसंधान अधिकारी महमूद शरीफ ने बताया कि हर जिले में रैपिड रेस्पांस टीम का गठन किया गया है। टीम में पांच से सात विशेषज्ञ हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल हवाई अड्डों पर जांच केंद्र बनाने का निर्णय नहीं लिया गया है। परिस्थितियों के हिसाब से निर्णय लेंगे। आशा व अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को वायरस के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
104 पर करें संपर्क
लोगों की मदद के लिए स्वास्थ्य विभाग ने हेल्पलाइन शुरू किया है। किसी भी तरह की मदद या जानकारी के लिए लोग 104 पर संपर्क कर सकते हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के निदेशक डॉ. पी.एल. नटराज ने बताया कि बुधवार को 10 से ज्यादा लोगों ने 104 पर संपर्क कर वायरस संबंधित जानकारी ली।
सीएम के स्वास्थ्य विभाग को निर्देश
बेंगलूरु. केरल व इसके तटीय शहर कोझिकोड में निपाह वायरस से 11 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में एक नर्स भी शामिल है। जबकि करीब 25 लोगों के वायरस से प्रभावित होने की खबर है। केरल-कर्नाटक सीमा से सटे व इसके आसपास के नौ जिलों में हाई अलर्ट है। मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने भी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को दिशा-निर्देश जारी कर वायरस, इससे प्रभावित व संदिग्ध मरीजों को लेकर चौकन्ना रहने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री ने विभाग के निर्देश दिए हैं कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए त्वरित एहतियाती कदम उठाए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव व स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को दक्षिण कन्नड़, उत्तर कन्नड़, उडुपी, शिवमोग्गा, चिकमगलूरु, कोडगु, मेंगलूरु, मैसूरु और चामराजनगर जिलों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। केरल सीमा से सटे होने के कारण इन जिलों में वायरस के प्रसार का खतरा ज्यादा है। सभी जिले के स्वास्थ्य अमले को हाई अलर्ट पर हैं।
तोड़े जा रहे हैं फल
चामराजेंद्र जूलॉजिकल गार्डन मैसूरु के अधिकारी और कर्मचारी भी अलर्ट पर हैं। कार्यकारी निदेशक सी. रविशंकर ने बताया कि यहां बड़ी संख्या में फ्रूट बैट्स पाए जाते हैं। एहतियातन पेड़ों पर लगे फलों को तोड़ा जा रहा है।
फ्रूट बैट्स ज्यादा
डॉ. नटराज ने बताया कि शिवमोग्गा और चिकमगलूरु में फ्रूट बैट्स प्रजाति के चमगादड़ बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। इसलिए दोनों जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
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