बाहरी ताप से भयंकर आंतरिक ताप-साध्वी भव्यगुणाश्री
बैंगलोरPublished: Jun 21, 2021 09:35:56 am
धर्मसभा का आयोजन
बाहरी ताप से भयंकर आंतरिक ताप-साध्वी भव्यगुणाश्री
बेंगलूरु. फ्रेजरटाउन स्थित मरुधर केशरी जैन भवन में विराजित साध्वी भव्यगुणाश्री व साध्वी शीतलगुणाश्री नेे कहा कि चंदन शीतलता प्रदान करता है दाह को शांत करता है किंतु चंदन की शीतलता और प्रभु के नाम स्मरण से प्राप्त होने वाली शीतलता में बड़ा अंतर है। चंदन की शीतलता केवल शरीर के दाह को शांत कर शीतलता प्रदान करती है किंतु परमात्मा का नाम स्मरण तो सभी प्रकार के तापों का शमन कर देता है और सर्व मंगलकारी शीतलता प्रदान करता है। बाहरी (शारीरिक) ताप से अधिक भयंकर तो आंतरिक ताप होता है। बाह्य ताप को चंदन आदि अन्य शीत प्रदायक लेप लगाकर शांत किया जा सकता है किंतु आंतरिक ताप को तो दूर करने की ताकत केवल परमात्मा के नाम में हैं, नाम स्मरण में है। 108 उवस्सगहरं अभिषेक का लाभ वसंतराज, पारस भंसाली एवं सुनिल कुमार कुंकुंलोल परिवार ने लिया। इस अवसर पर इंदिराबाई भंसाली, किरण भंसाली, गौतमचंद कांठेड़, सुनिल कांठेड़, अमित कांठेड़, आराधना चंडालिया ने दर्शन वंदन का लाभ लिया।