उपचुनावों से पहले टिकट बंटवारे को लेकर मचा घमासान
बैंगलोरPublished: Nov 11, 2019 07:29:51 pm
भाजपा को तगड़ा झटका, पूर्व विधायक कांग्रेस में शामिल होने को तैयार
उपचुनावों से पहले टिकट बंटवारे को लेकर मचा घमासान
बेंगलूरु. सत्रह विधायकों के इस्तीफे के दम पर सत्ता में आई येडियूरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ५ दिसम्बर को होने वाले उपचुनावों में अपने अस्तित्व की निर्णायक लड़ाई से पहले बिखरने लगी है। भाजपा को सत्ता में लाने के लिए जिन विधायकों ने पद से इस्तीफा देकर अयोग्यता का जोखिम उठाया उन्हें अथवा उनके परिजनों को उपचुनावों में टिकट देकर मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा उपकार का बदला चुकाना चाहते हैं लेकिन, स्थानीय स्तर पर भाजपा नेता बगावत पर उतर आए हैं। कागवाड़ के पूर्व भाजपा विधायक राजू कागे, गोकाक के भाजपा नेता अशोक पुजारी एवं चिक्कबल्लापुर के सांसद बीएन बच्चेगौड़ा के बेटे शरद बच्चेगौड़ा कम से कम तीन विधानसभा सीटों पर भाजपा के लिए चुनौती बन सकते हैं। सरकार में बने रहने के लिए भाजपा को 15 विधानसभा में से कम से कम 7 सीटों पर जीत सुनिश्चित करनी है। लेकिन, सोमवार को पार्टी को उस समय तगड़ा झटका लगा जब राजू कागे ने कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा कर दी। संभावना जताई जा रही है कि एक-दो दिनों में वे कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे और कांग्रेस के टिकट पर भाजपा उम्मीदवार को चुनौती देंगे। पिछले विधानसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस उम्मीदवार श्रीमंत पाटिल ने जीत दर्ज की थी लेकिन इस्तीफा दिए और अयोग्य ठहराए गए। अब श्रीमंत पाटिल या उनके किसी परिजन को भाजपा टिकट देने को तैयार है। पिछले चुनाव में पाटिल ने राजू कागे को 30 हजार मतों से शिकस्त दी थी लेकिन इस बार चुनावी माहौल अलग होगा। हालांकि, राजू कागे के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर पार्टी के भीतर एक राय नहीं है। बेलगावी के कुछ दिग्गज कांग्रेसी भाजपा नेता के पार्टी में शामिल होने के खिलाफ हैं। सूत्रों के मुताबिक रमेश जारकीहोली के भाई सतीश जारकीहोली पार्टी की इस पहल से खुश नहीं हैं। सतीश जारकीहोली पहले भी वरिष्ठ कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की बेलगावी के मामलों में कथित दखलंदाजी पर रोष जता चुके हैं। दिलचस्प बात यह है कि राजू कागे सिद्धरामय्या से मिलने से पहले डीके शिवकुमार से मिले और तब कांग्रेस में उनके शामिल होने एवं टिकट मिलने की अटकलें तेज हुईं। सोमवार को प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में बैठक कर उपचुनावों की स्थिति और टिकट बंटवारे पर गहन विचार मंथन किया। बैठक के तुरंत बाद राजू कागे भी पहुंचे और सिद्धरामय्या से भेंट की। सिद्धरामय्या से भेंट करने के बाद ही उन्होंने भाजपा छोडऩे और कांग्रेस में शामिल होने की बात कही। लेकिन, इन तमाम उठापटक और कांग्रेस की बैठकों से सतीश जारकीहोली दूर रहे जो कांग्रेस के भीतर असंतोष की बात को हवा दे रही है। उधर, राजू कागे के पार्टी छोडऩे की खबरों पर मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा ने कहा है कि कोई आए और कोई जाए कोई फर्क नहीं पड़ता।