कर संग्रहण की स्थिति में सुधार आने में अभी दो तीन माह का समय लग सकता है। लिहाजा मासिक प्रशासनिक खर्चे को नियंत्रित किया जाना अनिवार्य है।इसलिए वर्ष 2020-21 के बजट में विभिन्न विभागों को जून से नवंबर के बीच बजट में आवंटित अनुदान में से केवल 50 फीसदी राशि जारी करने करने को कहा गया है। कर्मचारियों का वेतन, पेंशन का भुगतान, वरिष्ठ जन, विधवा वेतन, दिव्यांगों की सहायता जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए ही आवंटित राशि का उपयोग करने के निर्देश हैं।
विभिन्न अकादमी तथा निगमों के खर्चे पर भी अंकुश लगाने का फैसला किया गया है। शेयर बाजार में निवेश तथा ऋण मंजूरी के लिए वित्त विभाग की पूर्वानुमति अनिवार्य होगी। केवल लोकनिर्माण तथा जलसंसाधन विभाग को 10 करोड़ रुपए खर्चे के लिए वित्त विभाग की अनुमति लेने की शर्त से छूट दी गई है।किसी भी विभाग के लिए 50 फीसदी से अधिक अनुदान के आवंटन के लिए वित्त विभाग की अनुमति अनिवार्य होगी।
इसके बगैर विभाग को आवंटित अनुदान किसी बैंक में सावधि जमा राशि के रूप में या व्यक्तिगत खाते में जमा करने की किसी को भी अनुमति नहीं दीजाएगी। प्रशासनिक खर्चे के लिए आवंटित राशि से कार्यालयों के फर्नीचर आदि की खरीदी पर रोक लगाई गई है।