उबर ग्लोबल टेक सेंटर के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे मंत्री ने कहा कि बेंगलूरु सहित सभी शहरों में परिवहन से संबंधित समस्याएं प्रमुख मुद्दे हैं। कंपनी को अपनी सीएसआर गतिविधियों के तहत परिवहन के लिए एक सीओइ स्थापित करने के बारे में सोचना चाहिए। बड़े शहरों में ट्रैफिक जाम का समाधान खोजना सबसे बड़ी चुनौती है। हालांकि, उबर जैसी कंपनियों ने प्रौद्योगिकी के प्रभावी हस्तक्षेप से इस पर सफलतापूर्वक काबू पाने की उम्मीद जगाई है।
हाल के दिनों में, स्थिरता को महत्व मिला है। यह उम्मीद की जाती है कि प्रदान किए जा रहे सभी व्यवसाय और सेवाएं टिकाऊ हों। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी स्थिरता पर जोर दे रहे हैं। लक्ष्य है कि वर्ष 2050 तक देश पूरी तरह से सतत विकास के पथ पर अग्रसर हो जाए। पहले विकास का अर्थ प्रकृति का विनाश था। लेकिन, अब, तकनीकी विकास सतत विकास को सक्षम बना रहा है।
मंत्री ने कहा कि ज्ञान का उपयोग इस तरह हो कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक इसका लाभ पहुंचे। इसी को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई गई है। यह उद्योगों के लिए कुशल मानव संसाधन सुनिश्चित करने के अलावाए नर्सरी से स्नातकोत्तर तक शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में एक आदर्श बदलाव लाएगा।