पुत्र चंदन (५) बाहर खेल रहा था। वह अचानक लापता हो गयाा। हर जगह तलाश करने पर भी उसका पता नहीं चला। तब थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। रविवार रात दस बजे के करीब किसी ने राजेश के मोबाइल फोन पर कॉल कर कहा कि चंदन का अपहरण किया गया है। उसकी रिहाई के लिए ३५ लाख रुपए फिरौती देनी होगी। राजेश ने पुलिस को इसकी सूचना दे दी।
पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) एम.एन. अनुचेत ने मामले को सुलझाने के लिए तीन विशेष दल गठित किए। राजेश के मोबाइल फोन के नंबर पर आने वाले कॉल की जांच करने पर पता चला कि यह कॉल राजेश के घर के करीब से ही आया था। पुलिस ने राजेश के मकान मालिक के पुत्र अभिषेक पर कड़ी नजर रखी। वह दोस्तों को पुलिस की गतिविधियों की जानकारी दे रहा था।
पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि उसी ने दोस्तों के साथ चंदन के अपहरण की योजना बनाई थी। तीनों दोस्त चंदन के साथ कोमाघट्टा के एक मकान में छिपे हैं। पुलिस कोमाघट्टा की तरफ निकल पड़ी। इसकी भनक मिलने पर तीन अपहर्ता चंदन को साथ लेकर कार में निकल पड़े। पुलिस कार की पीछा करने लगी। केंगेरी के विश्वेश्वरय्या लेआउट के पास कार चालक के नियंत्रण से बाहर होकर पेड़ से जा टकराई।
चार आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आए
पुलिस ने कस्तूरबा नगर के हर्षित (१८) और चामराजपेट के विट्ठल नगर निवासी श्रीकांत (१९) को गिरफ्तार किया। अन्य आरोपी दिव्या तेज ने (२२) तलवार से पुलिस कर्मचारियों पर हमला कर फरार होने का प्रयास किया। निरीक्षक मंजुनाथ ने स्टाफ की रक्षा के लिए गोली चला दी। आरोपी नीचे गिर पड़ा और उसे गिरफ्तार कर कार से चंदन को अपहर्ता के चंगुल से मुक्त कराया। दिव्या तेज को विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अभिषेक को शराब पीने और जुआ खेलने का शौक था। इसलिए किराएदार राजेश के पुत्र का अपहरण करने की योजना बनाई। उसने चंदन को बाइक पर एक चक्कर लगाने के बहाने उसे बाइक पर सवार करा लिया और फिर इसे मित्रों के हवाले कर दिया। संदेह से बचने के लिए अभिषेक भी चंदन के माता-पिता के साथ उसे तलाश करता रहा। जरूरत से ज्यादा चंदन की चिंता जताने पर पुलिस को उस पर संदेह हो गया। के.पी. अग्रहार थाने में मामला दर्ज किया गया है।