हालांकि, अभी चुनाव आयोग ने परिणाम की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। येल्लापुर से दो बार विधायक रह चुके हेब्बार उन 13 अयोग्य विधायकों में शामिल हैं जिन्हें भाजपा ने उपचुनाव में टिकट दिया था।
क्यों हुए उप चुनाव ये उपचुनाव 17 विधायकों को अयोग्य करार देने के कारण खाली हुई सीटों को भरने के लिए कराए गए। इन विधायकों में कांग्रेस और जद-एस के बागी नेता शामिल थे। बगावत के चलते जुलाई में एचडी कुमारस्वामी नीत कांग्रेस-जद-एस गठबंधन सरकार गिर गई थी और भाजपा के सत्ता में आने का मार्ग प्रशस्त हुआ। ये उपचुनाव 21 अक्टूबर को होने थे लेकिन चुनाव आयोग ने इसे पांच दिसंबर तक टाल दिया। शीर्ष न्यायालय ने अयोग्य करार दिए विधायकों की याचिकाओं पर सुनवाई करने का फैसला किया था।
फिलहाल स्थिति यह
विधानसभा में अभी भाजपा के पास 105 (एक निर्दलीय सहित), कांग्रेस के 66 और जद-एस के 34 विधायक हैं। बसपा का भी एक विधायक हैं। इसके अलावा एक मनोनीत विधायक और स्पीकर हैं। अयोग्य करार दिए गए 13 विधायकों को भाजपा ने टिकट दिया। उपचुनाव लडऩे के लिए उच्चतम न्यायालय से इजाजत मिलने पर पिछले महीने वे भाजपा में शामिल हो गए थे। बृहस्पतिवार को जिन 15 सीटों पर उपचुनाव हो हुआ उनमें 12 पर कांग्रेस और तीन पर जद -एस का कब्जा है।
विधानसभा में अभी भाजपा के पास 105 (एक निर्दलीय सहित), कांग्रेस के 66 और जद-एस के 34 विधायक हैं। बसपा का भी एक विधायक हैं। इसके अलावा एक मनोनीत विधायक और स्पीकर हैं। अयोग्य करार दिए गए 13 विधायकों को भाजपा ने टिकट दिया। उपचुनाव लडऩे के लिए उच्चतम न्यायालय से इजाजत मिलने पर पिछले महीने वे भाजपा में शामिल हो गए थे। बृहस्पतिवार को जिन 15 सीटों पर उपचुनाव हो हुआ उनमें 12 पर कांग्रेस और तीन पर जद -एस का कब्जा है।