युवाओं से कहना चाहती हैं कि हमेशा आगे की सोचे और व्यवहारिक तरीके से सोचें। एक रात पहले से ही मतदान को लेकर उनके मन में उत्साह था और जब मतदान केंद्र आई तो रोमांच और बढ़ गया। पहली बार मतदान करने वाले युवा भी कम नहीं थे। उनमें काफी उत्साह नजर आया और उंगली पर लगे निशान के साथ सेल्फी लेते उनके चेहरे पर खुशी छलक रही थी। प्रसन्ना नामक एक मतदाता ने कहा कि उन्हें पिछले कई दिनों से इंतजार था कि कब 18 अप्रेल आएगा और वो अपना वोट डालेंगे। उंगली पर लगे निशान को देखकर उन्हें बेहद गर्व महसूस हो रहा है। बेंसन टाउन में पहली बार मतदान करने वाली आरिफा ने कहा कि वोट देते समय उनके मन में यह था कि जो शांति से लोकतंत्र को लेकर चले उसे अपना कीमती वोट दूंगी।
मौसम की गर्माहट पर भारी पड़ा मतदाताओं का जोश
सियासी गर्मी के साथ ही मौसम का मिजाज भी गर्म होने के कारण गुरुवार को कई संसदीय क्षेत्रों में मतदाताओं को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। हालांकि तेज धूप और उमस के बावजूद राज्य के मतदाताओं का उत्साह चरम पर रहा और गुरुवार सुबह से ही मतदान केंद्रों के बाहर लंबी कतारें देखी गईं।
हालांकि एक दिन पूर्व बुधवार शाम हुई बारिश के कारण तापमान में आई मामूली गिरावट के बावजूद बेंगलूरु के शहरी मतदाता एक बार फिर मतदान को लेकर उदासीन रहे, जबकि राज्य के अन्य संसंदीय क्षेत्रों में मतदाता ज्यादा उत्साहित रहे।
राज्य में सुबह सात बजे मतदान शुरू होने के बाद पहले दो घंटे में जहां ७.५४ प्रतिशत मतदान हुआ, वहीं ९ बजे से ११ बजे के बीच मतदान प्रतिशत १९.५८ फीसदी पहुंच गया। ११ बजे के बाद पारा अपनी चरम सीमा पर पहुंचने लगा, जिससे मतदाताओं को भीषण गर्मी से जूझना पड़ा।
बावजूद इसके बेंगलूरु को छोडक़र शेष संसदीय क्षेत्रों में दोपहर के समय भी बड़ी संख्या में मतदाताओं ने लोकतंत्र के महापर्व में मतदान किया। ११ बजे से १ बजे के बीच मतदान प्रतिशत ३६.३१ फीसदी पहुंच गया, जबकि ३ बजे तक ४८.९७ प्रतिशत हो गया। शाम के समय जब तीखी धूप की चुभन कम हुई, तब भी बड़ी संख्या में मतदाता कतारबद्ध दिखे।