जिला प्रशासन के अनुसार श्रीरंगपट्टण के १९ गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। वहीं, कृष्ण राज सागर (केआरएस) बांध से पिछले २४ घंटों के दौरान १.१९ लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़े जाने के कारण कावेरी बेसिन के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। कबिनी, हारंगी और हेमावती बांधों से भी पिछले तीन दिन में करीब ४ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे केआरएस के जलस्तर में रेकॉर्ड वृद्धि हुई है। केआरएस का जलस्तर रविवार को बांध की अधिकतम क्षमता १२४.८० फीट की तुलना में ११८.७५ फीट तक पहुंच गया, जबकि बांध में पानी का अंतर्वाह १.८७ लाख रिकॉर्ड किया गया। केआरएस का जलस्तर जहां ८ अगस्त को ९१ फीट था वहीं तीन दिनों में भी करीब २८ फीट बढ़ा है। वहीं इस दौरान बांध से ४ लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा जा चुका है।
कबिनी बांध के लबालब होने से शनिवार को १.३ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।रविवार को फिर १.२ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे कबिनी के जल बहाव वाले क्षेत्रों में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दायरा और ज्यादा बढ़ गया। कोडग़ू जिले में स्थित हारंगी बांध में पानी का अंतर्वाह १० हजार ७१६ क्यूसेक और बहिर्वाह १८ हजार ७५० क्यूसेक रहा। वहीं बांध की अधिकतम क्षमता २८५९ फीट की तुलना में जलस्तर २८५५ फीट तक पहुंच चुका है।