बताया जाता है कि चार सौ मीटर लंबे इस फ्लाईओवर का निर्माण 34 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। फ्लाईओवर का नामकरण वीर सावरकर के नाम पर करने का निर्णय 29 फरवरी को वृहद बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) परिषद की बैठक में किया गया था।
कांग्रेस ने कहा, कर्नाटक का अपमान
राज्य के विपक्षी दल कांग्रेस व जद-एस ने इस नामकरण का विरोध करते हुए कई सवाल खड़े किए थे। वरिष्ठ कांग्रेस नेता सिध्दरामय्या ने जहां इसे राज्य का अपमान बताया वहीं जद (एस) के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भी सरकार की मंशा पर सवाल किए।
राज्य के विपक्षी दल कांग्रेस व जद-एस ने इस नामकरण का विरोध करते हुए कई सवाल खड़े किए थे। वरिष्ठ कांग्रेस नेता सिध्दरामय्या ने जहां इसे राज्य का अपमान बताया वहीं जद (एस) के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भी सरकार की मंशा पर सवाल किए।
सिध्दरामय्या ने कहा कि फ्लाईओवर का नामकरण वीर सावरकर के नाम पर करना कर्नाटक का अपमान है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि वे फ्लाईओवर का नाम कर्नाटक के स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर करें। उन्होंने आरोप लगाया कि यह नामकरण यह साबित करता है कि जनता की चुनी हुई सरकार प्रशासन नहीं चला रही है बल्कि कुछ अन्य लोग पर्दे के पीछे से यह काम कर रहे हैं।
उन्होंने येडियूरप्पा पर तंज कसते हुए कहा कि क्या आप इसीलिए विपक्ष का सहयोग मांगते हैं ताकि जनविरोधी फैसले ले सकें। कर्नाटक का कोई महान व्यक्ति क्यों नहीं
इस फैसले को लेकर जद (एस) के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले और बाद में कई ऐसे लोग हुए जिन्होंने राज्य के विकास के लिए लड़ाई लड़ी। इस फ्लाईओवर का नाम उनमें से किसी एक के नाम पर रखा जा सकता था। उन्होंने सवाल किया कि क्या हमने राज्य के स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर किसी अन्य राज्य में कोई नामकरण होते देखा है।
इस फैसले को लेकर जद (एस) के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले और बाद में कई ऐसे लोग हुए जिन्होंने राज्य के विकास के लिए लड़ाई लड़ी। इस फ्लाईओवर का नाम उनमें से किसी एक के नाम पर रखा जा सकता था। उन्होंने सवाल किया कि क्या हमने राज्य के स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर किसी अन्य राज्य में कोई नामकरण होते देखा है।