scriptटिकट आवंटन में दखल के बजाय चुनाव जीतने पर ध्यान दें नेता | Focus on winning elections instead of interfering in ticket allocation | Patrika News

टिकट आवंटन में दखल के बजाय चुनाव जीतने पर ध्यान दें नेता

locationबैंगलोरPublished: Aug 13, 2017 05:00:00 am

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी नेताओं को अगले विधानसभा चुनाव के लिए टिकट आवंटन में दखल देने के बजाय राज्य में पार्टी की जीत पर ध्यान

amit shah

amit shah

बेंगलूरु. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी नेताओं को अगले विधानसभा चुनाव के लिए टिकट आवंटन में दखल देने के बजाय राज्य में पार्टी की जीत पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है।

पार्टी के विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पार्टी की कोर कमेटी की बैठक को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि पार्टी नेता किसी को टिकट दिलाने का भरोसा नहीं दें क्योंकि टिकट देने का निर्णय कार्यकर्ता करेंगे। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी की कोर कमेटी के निर्णय का पालन करने से वहां पर लंबे अंतराल के बाद पार्टी को सत्ता मिली।


उन्होंने कहा कि अगला चुनाव येड्डियूरप्पा के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा इस बारे में अंदर या बाहर कहीं भी एतराज नहीं करें। पार्टी ने जनता की नब्ज टटोलने के बाद ही यह निर्णय किया है। जहां तक टिकटों के बंटवारे का सवाल है, इसका अधिकार किसी नेता को नहीं दिया जाएगा। वे अपनी राय से पार्टी को अवगत करवा सकते हैं जिस पर टिकट आवंटन के दौरान ध्यान दिया जाएगा।


शाह ने कहा कि संघ कार्यकर्ताओं ने राज्य भर में तीन बार घर-घर जाकर लोगों की राय एकत्रित करने के बाद तीन बार रिपोर्ट भेजी हैं। इसके अलावा पार्टी ने अलग से निरंतर सर्वेक्षण करवाया। राज्य इकाई भी अपनी रिपोर्ट देगी। तमाम रिपोर्ट को एकत्र करने के बाद कार्यकर्ताओं की राय को अहमित दी जाएगी और टिकटों का वितरण किया जाएगा। ऐसी स्थिति में यदि मौजूदा विधायक या स्थानीय नेता का टिकट भी कटता है तो चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि लोगों की राय के अनुसार ही उम्मीदवारों की चयन होगा।


उन्होंने कहा कि जिन्हें टिकट नहीं मिलेगा, उन्हें पार्टी के लिए परिश्रम करना चाहिए क्योंकि उनका भविष्य अच्छा होगा। उत्तर प्रदेश में पूर्व मंत्री और चार चार बार के विधायकों को टिकट देने से इनकार कर दिया गया और उनकी सीट पर उतारे गए नए उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। हमारे लिए जीत अधिक महत्वपूर्ण है।


शाह ने कहा कि ओल्ड मैसूरु क्षेेत्र में पार्टी की स्थिति कमजोर है। इस क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ाने के अपनाई गई रणनीति आने वाले दिनों में सफल हो सकती है। इस क्षेेत्र के दमदार नेता व राज्य की राजनीति में गहरा अनुभव रखने वाले एसएम कृष्णा हमारी पार्टी में आए हैं लिहाजा इस क्षेेत्र में पार्टी की स्थिति मजबूत बनाने के लिए उनका सदुपयोग किया जाना चाहिए। इस क्षेत्र के प्रबल राजनेताओं को पार्टी में लेने व क्षेत्र में अधिक स अधिक सीटें जीतने के बारे में अपने सुझाव दे सकते हैं।


शाह ने अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार के भ्र्रष्टाचार, मंत्रियों पर आयकर छापों तथा विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच फूट डालने की काग्रेस की कोशिशों को मुद्दा बनाकर चुनाव प्रचार में जुटने की सलाह दी। बैठक में महादयी नदी जल विवाद पर पार्टी के नजरिए, कर्नाटक के लिए पृथक प्रदेश ध्वज, लिंगायत समुदाय को अलग धर्म का दर्जा देने की मांग पर बी चर्चा हुई।


बताया गया है कि बैठक में चुनाव से पहले कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल होने वाले प्रमुख नेताओं के बारे में भी औपचारिक बातचीत हुई। इसके अलावा बैठक में विस्तारक योजना की रिपोर्ट, येड्डियूरप्पा के जनसंपर्क अभियान, दलितों के घर के दौरे, राज्य में भाजपा व संघ के कार्यकर्ताओं की हत्याओं के बारे में भी चर्चा हुई।

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