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ई-कंपनियों से व्यापार नहीं करेंगे खाद्यान्न व्यापारी

locationबैंगलोरPublished: Sep 04, 2018 06:30:52 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

व्यापारिक हितों की रक्षा के लिए 30 सितम्बर तक व्यापार न करने की घोषणा

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ई-कंपनियों से व्यापार नहीं करेंगे खाद्यान्न व्यापारी

बेंगलूरु. खाद्यान्न एवं किराना सामान खरीदने के लिए ऑनलाइन इ-कॉमर्स साइटों पर आश्रित ग्राहकों को बड़ा झटका लग सकता है और ऐसी संभावना है कि आने वाले दिनों में उनके ऑर्डर बुकिंग करने के बाद भी आपूर्ति बाधित होगी। इसका कारण व्यापारियों द्वारा लिया गया निर्णय है, जिसके तहत उन्होंने ऑनलाइन सेवा प्रदाता वाली कंपनियों के साथ किसी प्रकार का व्यापार न करने घोषणा की है। बेंगलूरु ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन और बेंगलूरु होलसेल फूडग्रेन एंड प्लसेस मर्चेंट एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि वे 30 सितम्बर तक किसी भी इ-कंपनी के साथ किसी प्रकार का व्यापार नहीं करेंगे।
अपने सदस्यों को निर्देश देते हुए एसोसिएशन ने कहा है कि जो भी व्यापारी सदस्य किसी ऑनलाइन एप्प के साथ पंजीकृत हैं, वे 30 सितम्बर की अवधि तक अपने उत्पादों की कीमत प्रदर्शित न करें। कीमतों के प्रदर्शन न होने से स्वत: रूप से ऑनलाइन व्यापार बंद हो जाएगा। एसोसिएशन ने कहा कि इस निर्णय का उल्लंघन करने वाले सदस्यों को पहले चेतावनी दी जाएगी और बाद जुर्माना लगाया जाएगा।
एसोसिएशन ने कहा कि यह निर्णय व्यापारियों के हित को ध्यान में रखकर और एपीएमसी मार्केट व्यापार को बचाने के लिए लिया गया है। दरअसल खाद्यान एवं किराना सामान बेचने वाली ऑनलाइन कंपनियों पर व्यापारियों के हितों से खिलवाड़ करने का आरोप अक्सर लगाया जाता है। ऑनलाइन कंपनियों बड़े स्तर पर खुदरा खाद्यान्न व्यापार में निवेश कर रही हैं, जिससे व्यापारियों को डर है कि परंपरागत व्यापार करने वाले व्यापारियों के व्यापार को भारी नुकसान पहुंचन सकता है।

आइयूडी को बढ़ावा देगा स्वास्थ्य विभाग
केरल और तमिलनाडु से भी पिछड़ा कर्नाटक
बेंगलूरु. प्रदेश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग परिवार नियोजन के लिए गर्भ निरोधक के तौर पर यूआइडी (अल्ट्रा येटाराइन डिवाइस) को बढ़ावा देगा। विभाग ने इसके लिए अमरीका के वॉशिंगटन डीसी की स्वास्थ्य सेवा प्रदाता एक कंपनी से हाथ मिलाया है। दोनों मिलकर विशेष परियोजना के तहत प्रदेश के 14 जिलों के स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को प्रशिक्षण देंगे। पहले चरण के लिए विभाग ने कुल 60 प्रदाताओं को चिन्हित किया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवा निदेशालय में सूचना, शिक्षा एवं संचार विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. के.एम. मुनिराज ने बताया कि यूआइडी एक गर्भ निरोधक यंत्र है। जिसे चिकित्सक गर्भावस्था को रोकने के लिए महिला के गर्भाशय में डालते हैं।
लेकिन इसे लगवाने में कर्नाटक राष्ट्रीय औसत 1.5 से पीछे 0.8 पर है। यहां तक कि 1.9 के औसत के साथ तमिलनाडु और 1.6 के औसत के साथ केरल प्रदेश से आगे हैं। चयनित जिलों के स्वास्थ्य अधिकारी व परिवार कल्याण अधिकारी एवं सर्जन सहित आशा कार्यकर्ताओं, मेडिकल कॉलेज व जनरल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक, तालुक अस्पतालों के प्रशासनिक चिकित्सा अधिकारी व राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी को भी इस परियोजना में शामिल किया गया है।
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