पहले लुटेरे रात में काम खत्म कर दुपहिया वाहनों पर अकेले घर लौटने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर और कॉल सेंटर के कर्मचारियों को लूटते थे। इसके अलावा कंपनी की कैब से उतर कर पैदल घर जाने वाले कर्मचारी भी लुटेरों का निशाना बनते थे। निजी कंपनियों के अधिकांश कर्मचारी अब घर से ही काम कर रहे हैं तो लुटेरों को लूटपाट का अवसर नहीं मिल रहा है। रात के सयम होयसला वाहनों और गश्ती पुलिस की कड़ी निगरानी रहती है। तड़के तीन बजे के बाद गश्त कम रहती है। फुटपाथ व्यापारी, सब्जी, फल विक्रता और छोटे व्यापारी तड़के ही मार्केट जाते हैं। उस समय उनके पास खरीदारी के लिए कुछ कैश होता है।
के.आर.मार्केट, सारक्की, अत्तिगुप्पे, यशवंतपुर, सिंगेना अग्रहार, कलासिपाल्यम केआरपुरम, दासनापुर और अन्य प्रमुख मार्केट में सब्जी, फूल, फल और अन्य चीज वाहनों में बेचने के लिए आते हैं। लुटेरे इस तरह के लोगों को ही अधिकनिशाना बना रहे हंै। लॉकडाउन की अवधि में अभी तक लूट की 29 वारदातं हुई हैं। फुटपाथ व्यापारियों ने पुलिस आयुक्त भास्कर राव को तड़के गश्त बढ़ाने और मार्केट के पास पुलिस कर्मचारियों को तैनात करने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया है।