बेंगलूरु. श्रीमद्भगवद्गीता पर आयोजित एक जिला स्तरीय प्रतियोगिता में 14 वर्षीय मुस्लिम विद्यार्थी शेख मोइनुद्दीन ने पहला स्थान प्राप्त किया है। गीता को पढऩे और समझने में मोइनुद्दीन के पूरे परिवार ने उसकी मदद की। पिता ने हौसला आफजाई की तो मां ने गीता लाकर दी। दादी ने पढऩे में मदद की। मोइनुद्दीन का कहना है कि वह हमेशा कुरान पढ़ता है।
गीता पढऩे के बाद उसने समझा कि गीता और कुरान दोनों का संदेश एक समान है-मानव मूल्यों का पालन करना। अब वह बाइबल का अध्ययन कर रहा है। मोइनुद्दीन नौवीं का विद्यार्थी है। गीता पर आधारित 41 बहुविकल्पी प्रश्नों का सही-सही उत्तर देकर वह विजेता बना। हेब्बाल स्थित बालाजी लेआउट निवासी मोइनुद्दीन के पिता शेख सलाउद्दीन ने बताया कि उनका बेटा मोइनुद्दीन जब 11 वर्ष का था तभी से वह गीता व अन्य धर्मों के बारे में काफी सवाल पूछता था। सामान्य ज्ञान की पढ़ाई के दौरान वह इस ओर आकर्षित हुआ।
बेटे की उत्सुकता को देख मां सबिया मोहम्मद ने उसे गीता लाकर दी। मोइनुद्दीन ने छह माह में ही पूरी गीता पढ़ कर समझ लिया। इसमें दादी अफसिया खानम ने उसकी मदद की। जीत का श्रेय दादी को देते हुए मोइनुद्दीन ने उनका शुक्रिया अदा किया। प्रतियोगिता का आयोजन इस्कॉन ने किया था। 14 स्कूलों के करीब 400 विद्यार्थी इस प्रतियोगिता में शामिल हुए थे।
— गड्ढे भरने के लिए पालिका को 23 तक मिली मोहलत
बेंगलूरु. बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) को शहर के सड़कों के गड्ढे भरने के लिए अब 23 अक्टूबर तक की मोहलत मिल गई है। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई 23 अक्टूबर तक स्थगित कर दी। इससे पहले अदालत की ओर से नियुक्ति निरीक्षण समिति ने मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मल्लेश्वरम और महालक्ष्मी ले-आउट में भरे गए गड्ढों की स्थिति को लेकर रिपोर्ट सौंपी। पिछले सप्ताह अदालत ने पालिका के दावों की जांच के लिए समिति गठित की थी।
बेंगलूरु. बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) को शहर के सड़कों के गड्ढे भरने के लिए अब 23 अक्टूबर तक की मोहलत मिल गई है। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई 23 अक्टूबर तक स्थगित कर दी। इससे पहले अदालत की ओर से नियुक्ति निरीक्षण समिति ने मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मल्लेश्वरम और महालक्ष्मी ले-आउट में भरे गए गड्ढों की स्थिति को लेकर रिपोर्ट सौंपी। पिछले सप्ताह अदालत ने पालिका के दावों की जांच के लिए समिति गठित की थी।