scriptमानसून में लौटेगी आग से उजाड़ हुए वन क्षेत्र की हरियाली | Forests of the forested forest area will return to monsoon | Patrika News

मानसून में लौटेगी आग से उजाड़ हुए वन क्षेत्र की हरियाली

locationबैंगलोरPublished: May 18, 2019 12:43:55 am

पिछले महीने बंडीपुर और एमएम हिल्स वन क्षेत्रों में हजारों एकड़ भूभाग में लगी भीषण आग से उजड़े वन क्षेत्र को फिर से हरा-भरा करने के लिए वन विभाग पूरी तैयारी के साथ जुट गया है।

मानसून में लौटेगी आग से उजाड़ हुए वन क्षेत्र की हरियाली

मानसून में लौटेगी आग से उजाड़ हुए वन क्षेत्र की हरियाली

चामराजनगर. पिछले महीने बंडीपुर और एमएम हिल्स वन क्षेत्रों में हजारों एकड़ भूभाग में लगी भीषण आग से उजड़े वन क्षेत्र को फिर से हरा-भरा करने के लिए वन विभाग पूरी तैयारी के साथ जुट गया है। मानसून पूर्व की बारिश के जोर पकडऩे से जमीन की खोई नमी भी पिछले कुछ दिनों में आंशिक रूप से लौटी है, इसलिए विभाग ने अभी से ही व्यापक पैमाने पर कई प्रकार के जंगली घास, वनस्पति और पौधों की बुआई एवं रोपाई शुरू की है।

इससे मानसून के दौरान इनका तेजी से विकास होगा और आग से प्रभावित वन क्षेत्र तेजी से हरे-भरे हो जाएंगे। आग से बुरी तरह उजड़े गोपालस्वामी बेट्टा रेंज में करीब ४०० एकड़ भूमि पर बांस, आंवला सहित कई प्रकार की स्थानीय वनस्पतियां और पौधे लगाए जा रहे हैं।


वन संरक्षक एवं बंडीपुर बाघ रिजर्व के निदेशक टी. बालचंद्रा ने कहा कि आग प्रभावित वन क्षेत्रों के लिए करीब ३.५ टन बीज खरीदे गए हैं और बुआई का काम शुरू है। पिछले एक पखवाड़े से बुआई एवं रोपाई युद्धस्तर पर गतिमान है। हालांकि इस सप्ताह बारिश में कमी आने के कारण बुआई फिलहाल स्थगित की गई है। उन्होंने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून के सक्रिय होने के पूर्व पहले चरण की बुआई का काम पूरा हो जाएगा।

मानसून के दौरान जोरदार बारिश होने पर ना तो बुआई संभव है और ना ही वनस्पतियों का सही से विकास होगा। इसलिए बुआई का दूसरा चरण सितंबर में शुरू होगा और उत्तर पश्चिम मानसून की बारिश का इसको फायदा मिलेगा। पहले चरण में करीब ४०० एकड़ और दूसरे चरण में मौसम और भूमि की स्थिति को देखते हुए ५०० से ८०० एकड़ में बुआई की जाएगी।


वहीं, एमएम हिल्स क्षेत्र के आग प्रभावित क्षेत्रों में कुछ दिनों के बाद बुआई शुरू होगी। आग के कारण प्रभावित वन क्षेत्र में जमीन की नमी भी समाप्त हो गई है। अगले कुछ सप्ताह के दौरान जब तेज बारिश होगी तब प्राकृतिक रूप से जमीन की नमी लौट आएगी और स्वत: ही कुछ जगहों पर जंगली वनस्पतियां उग जाएंगी। विभाग उसी दौरान अपने स्तर से भी बुआई करेगा, ताकि वन क्षेत्र से तेजी से हरियाली युक्त हो जाए।


एमएम हिल्स के उप वन संरक्षक वी. येडुकोंडालू के अनुसार आग प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय और परंपरागत वनस्पतियां और पेड़ पौधों के विकास पर ध्यान दिया जाएगा, ना कि सजावटी और आकर्षक वनस्पतियों पर जोर होगा। अगले कुछ दिनों में १० टन बीजों की खरीद होगी और मानसून के दौरान बुआई का काम होगा। साथ ही मानसून में बड़े स्तर पर प्राकृतिक रूप से भी हरियाली लौटेगी जिससे वन क्षेत्र एक बार फिर से हरा भरा हो जाएगा।


दावानल से दस हजार एकड़ वन क्षेत्र स्वाहा
बंडीपुर वन क्षेत्र में इस वर्ष २१ फरवरी २०१९ को दावानल की शुरुआत हुई और अगले एक सप्ताह के दौरान आग से १० हजार एकड़ वन क्षेत्र स्वाहा हो गया। कर्नाटक के जंगलों में यह अब तक भीषणतम आग थी। हालांकि आग से किसी वन्यजीव के मरने की पुष्टि नहीं हुई।

वायुसेना के हेलीकॉप्टरों से बुझाई थी आग
आग की भयावह होती स्थिति को देखकर राज्य सरकार के अनुरोध पर २५ फरवरी को भारतीय वायुसेना के एमआइ-१७ हेलीकॉप्टरों को आग बुझाने के काम पर लगाया गया। इसके अतिरिक्त वन विभाग, आपदा प्रबंधन, अग्रिशमन दल आदि के हजारों कर्मियों ने सामूहिक रूप से करीब एक सप्ताह पर कड़ी मशक्कत की, जिसके बाद आग पर नियंत्रण गया था। हालांकि इस दौरान १० हजार वन क्षेत्र पूरी तरह से जलकर राख हो गया, जबकि समीपवर्ती सैंकड़ों वन क्षेत्र भी आंशिक रूप से प्रभावित हुए।

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