मेडिकल शिक्षा मंत्री डा.के.सुधाकर ने यलहंका के सरकारी अस्पताल में में यार्नपिड एंटीजेन केन्द्र तथा कार्यबल टीम लॉन्च करने के बाद यह बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य में पहली बार संक्रमितों का पता लगाने के लिए दलों का गठन किया गया है जो घर-घर जाकर रेपिड टेस्ट करेंगे। इस परीक्षण से केवल 20 मिनट में किसी भी व्यक्ति के कोरोना से संक्रमित होने या नहीं होने की पुष्टि की जा सकेगी। इससे रोग का पता आसानी से लगाया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर कार्यबलों का गठन दीर्घकाल के लिए उपयोगी सिद्ध होगा क्योंकि इस काम में केवल कुछ अधिकारियों को लगाने से उनका लगातार काम करना मुश्किल है। बैंगलूरु में अधिक संख्या में लोग कोविड-19 से संक्रमित हो रहे हैं लिहाजा जमीनी स्तर पर व्यापक तैयारी करनी होगी।
मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव व विधायक एसआर विश्वनाथ ने कहा कि हाल में राज्य में संक्रमितों की संख्या मे तेजी से हो रही बढ़ोतरी के कारण बूथ स्तर की टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इसके लिए हर बूथ पर 10 लोगों की सूची बनाई गई है। तीन से पांच लोगों के दल बूथ के हर घर पर जाकर लोगों का स्वाब टेस्ट कराएंगे। 20 मिनट में नमूने के परिणाम मिलने से कोरोना संक्रमितों की आसानी से पुष्टि की जा सकेगी। आम जनता को इस कार्य में सहयोग करना होगा।
उन्होंने कहा कि संक्रमण नियंत्रण में आने तक कोरोना के परीक्षण जारी रखे जाएंगे। राज्य में बाहरी राज्यों से बड़ी संख्या में लोग आए हैं लिहाजा उनके परिवार के सदस्यों का परीक्षण करवाना अनिवार्य हो गया है। यलहंका विधानसभा क्षेत्र में 2 हजार अधिकारियों व 6 हजार स्वयंसेवकों को मिलाकर कोरोना टास्क फोर्स का गठन किया गया है जो घर-घर जाकर थर्मल टेस्ट व ऑक्सीजन चैक करेंगे। सर्वेक्षण पूर्ण होने के बाद लक्षण वाले लोगों का स्वाब परीक्षण किया जाएगा।