उन्होंने कहा , ऐसे संवेदनशील मामलों से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन करने वालों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। क्योंकि ऐसे ही विवाद की आड़ में समाज में खाइयां पैदा की जाती है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजक उनकी पार्टी का पार्षद इमरान पाशा था। लेकिन, जब युवती ने नारे लगाने शुरु किए तब पाशा ने तुरंत उस से माइक छीन लिया। इससे स्पष्ट होता है कि कार्यक्रम के आयोजक युवती की नारेबाजी का समर्थन नहीं कर रहे थे।
राजनीति फायदा लेना चाहती है भाजपा
उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता ऐसे भावनात्मक मामलों को अधिक प्रचार-प्रसार देते हुए अपने सरकार की प्रशासनिक विफलताओं को छिपाने का प्रयास कर रहे हंै। उन्होंने कहा कि जद-एस को भाजपा से देशभक्ति सीखने की आवश्यकता नहीं है। सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के हाथ में देश का तिंरगा है न कि पाकिस्तान का झंडा है। लिहाजा भाजपा की ओर से सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को देशद्रोही करार दिया जाना तार्किक नहीं है।