विश्वनाथ तथा नागराज के राजनीतिक भविष्य पर सवालिया निशान
बैंगलोरPublished: Dec 09, 2019 08:12:35 pm
होसकोटे विधानसभा क्षेत्र में हारनेवाले भाजपा के प्रत्याशी एमबीटी नागराज तथा मैसूरु जिले के हुणसूरु विधानसभा क्षेत्र में हारनेवाले एएच विश्वनाथ का राजनीतिक भविष्य त्रिशंकु हो गया है।कभी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहें एएच विश्वनाथ ने सिद्धरामय्या को जनता दल (एस) से कांग्रेस में शामिल किया लेकिन उसके पश्चात स्वयं कांग्रेस छोड़कर जनता दल (एस) में शामिल हो गए उनको प्रदेश जनता दल (एस) का अध्यक्ष भी बनाया गया था।
विश्वनाथ तथा नागराज के राजनीतिक भविष्य पर सवालिया निशान
बेंगलूरु.होसकोटे विधानसभा क्षेत्र में हारनेवाले भाजपा के प्रत्याशी एमबीटी नागराज तथा मैसूरु जिले के हुणसूरु विधानसभा क्षेत्र में हारनेवाले एएच विश्वनाथ का राजनीतिक भविष्य त्रिशंकु हो गया है।कभी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहें पूर्व सांसद तथा मंत्री एएच विश्वनाथ ने सिद्धरामय्या को जनता दल (एस) से कांग्रेस में शामिल किया लेकिन उसके पश्चात स्वयं कांग्रेस छोड़कर जनता दल (एस) में शामिल हो गए उनको प्रदेश जनता दल (एस) का अध्यक्ष भी बनाया गया था। उसके पश्चात विश्वनाथ जनता दल (एस) से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल हुए। उपचुनाव में विश्वनाथ की हार होने के कारण उनके राजनीतिक भविष्य पर सवालिया निशान लगा है। बताया जा रहा है कि उनके पुत्र को किसी निगम का अध्यक्ष बनाकर विश्वनाथ का समाधान किया जाएगा।
उधर, बेंगलूरु ग्रामीण जिले के वोक्कलिगा बहुल होसकोटे विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी शरतबच्चे गौडा को 7500 से अधिक मतों से हरानेवाले एमबीटी नागराज कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार में आवास मंत्री थे इसके बावजूद उन्होंने कांग्रेस से त्यागपत्र देकर भाजपा का दामन थमा लिया था। लेकिन उसके पश्चात यहां हुए उपचुनाव में उनको उसी शरदबच्चेगौडा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनौती देते हुए अपनी हार का बदला लिया है। ऐसे में पुन: मंत्री बनने की आंस लगा बैठे नागराज की स्थिति दयनीय हो गई है।
सोमवार को हार के बाद मुख्यमंत्री बीएस यडियूरप्पा, उपमुख्यमंत्री डॉ अश्वथनारायण तथा राजस्व मंत्री आर अशोक ने नागराज के साथ संवाद कर चुनावी हार को लेकर धीरज नही खोने की अपील की है। बताया जा रहा है कि एमबीटी नागराज के पुत्र निलेश को किसी निगम का अध्यक्ष बनाया जा सकता है।