scriptफ्रांस में प्रशिक्षित होंगे गगनयान मिशन के लिए फ्लाइट सर्जन | France to train Indian flight surgeons for Gaganyaan mission | Patrika News

फ्रांस में प्रशिक्षित होंगे गगनयान मिशन के लिए फ्लाइट सर्जन

locationबैंगलोरPublished: Jan 21, 2020 08:27:29 pm

Submitted by:

Rajeev Mishra

भारत और फ्रांस के बीच जल्द होगा करार, दो सप्ताह का प्रशिक्षण हासिल करेंगे वायुसेना के चयनित चिकित्सक

फ्रांस में प्रशिक्षित होंगे गगनयान मिशन के लिए फ्लाइट सर्जन

फ्रांस में प्रशिक्षित होंगे गगनयान मिशन के लिए फ्लाइट सर्जन

बेंगलूरु.
देश के महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयानÓ के लिए जहां अंतरिक्षयात्रियों का प्रशिक्षण रूस में होगा वहीं, अंतरिक्ष यात्रियों की सेहत का ख्याल रखने के लिए भारतीय फ्लाइट सर्जनों (चिकित्सकों) को फ्रांस में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस संदर्भ में भारत और फ्रांस के बीच जल्द ही करार होने की उम्मीद है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अधिकारियों के मुताबिक गगनयान परियोजना के लिए इन चिकित्सकों को दो हफ्ते का प्रशिक्षण दिया जाएगा। मानव मिशन के लिए यह प्रशिक्षण बेहद महत्वपूर्ण है। सूत्रों के मुताबिक फ्रांस की अंतरिक्ष एजेंसी सीएनईएस के अध्यक्ष जीन यस लॉ गाल इस हफ्ते के अंत तक बेंगलूरु आएंगे। तभी इसरो और फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी के बीच एक सहमति पत्र (एमओयू) पर दस्तखत किए जाएंगे।
इसरो के एक अधिकारी ने बताया कि फ्लाइट सर्जन भारतीय वायुसेना के चिकित्सक होंगे। ये एविएशन मेडिसिन के विशेषज्ञ होंगे और उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। वे अंतरिक्ष यात्रा से पहले, यात्रा के दौरान और उसके बाद अंतरिक्ष यात्रियों की सेहत व इलाज के लिए जिम्मेदार होंगे। इन फ्लाइट सर्जन का चयन जल्द ही किया जाएगा। चयनित फ्लाइट सर्जन को फ्रांस में दो हफ्ते की विशेष प्रशिक्षण से गुजरना होगा। पिछले साल जुलाई-अगस्त के दौरान भारत आए यूरोपियन स्पेस एजेंसी के फ्लाइट सर्जन ब्रिजिट गोडार्ड चिकित्सकों और इंजीनियरों को प्रशिक्षण देना आरंभ करेंगे।
स्पेस मेडिसिन के क्षेत्र में फ्रांस को विशेषज्ञता हासिल है। फ्रांस की अंतरिक्ष एजेंसी सीएनईएस की अनुषंगी कंपनी एमईडीईएस है जो कि एक स्पेस क्लीनिक है। फ्लाइट सर्जनों को यहीं प्रशिक्षण दिया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि इस बात पर भी चर्चा हो रही है कि क्या फ्लाइट सर्जनों के अलावा अंतरिक्ष यात्रियों को भी आगे के प्रशिक्षण के लिए फ्रांस भेजा जाना चाहिए। गनयान परियोजना के लिए चयनित चार अंतरिक्ष यात्रियों को 11 महीने के प्रशिक्षण के लिए रूस भेजा जा चुका है। यह सभी भारतीय वायुसेना के टेस्ट पायलट हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो