उनके कब्जे से नकदी और अन्य चीजें जब्त की गई हंै। दोनों आरोपी बीटीएमले आउट में ग्लोबल लर्निंग एंड एजुकेशन कंसल्टेंसी के नाम से दफ्तर खोलकर मेडिकल कॉलेजों मे दाखिला कराने के नाम पर छात्रों को ठगते थे। उनके शिकार बने कई छात्रों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थीं। दोनों आरोपी सुदर्शन, संदीप और राहुल कुमार के फर्जी नाम से काम करते थे। दक्षिण-पूर्व संभाग के पुलिस उपायुक्त डॉ.बोरलिंगय्या ने माइको ले आउट थाने के पुलिस निरीक्षक आरए अजय के नेतृत्व में एक विशेष दल गठित किया। दल ने सभी मामलों की जांच कर अचानक दफ्तर पर छापा मारा और दोनों को गिरफ्तार किया।
जांच से पता चला है कि रजत शेट्टी उडुपी जिले के कुंदापुर का रहने वाला है। वह बीई करने के बाद रोजगार की तलाश में बेंगलूरु आया और एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करने लगा। उसने कई लोगों से दोस्ती कर उनके रिश्तेदारों को शिकार बनाया था। उसके खिलाफ साल २०१३ में मणिपाल थाने में आठ मामले दर्ज हैं। सभी मामले न्यायालय में लंबित हैं।
दूसरा आरोपी जयप्रकाश सिंह झारखंड के धनबाद का रहने वाला है। वह भी बीबीएम करने के बाद रोजगार की तलाश में पांच साल पहले बेंगलूरु आया था और कई छात्रों को सीटे दिलाने के बहाने लाखों रुपए लेकर धोखा दिया था। उसके खिलाफ संजय नगर और कोडिगेहल्ली थाने में मामले दर्ज है। जयप्रकाश सिंह ने सास और ससुर के नाम एचडीएफसी बैंक में नकद ५० लाख, छोटी बचत के तहत १२ लाख रुपए जमा कराए और एक फ्लैट भी खरीदा है।
पुलिस ने रजत शेट्टी से फ्लैट के लिए दिए अग्रिम राशि २० लाख रुपए, कर्ज के रूप में दिए नकद ९.४५ लाख और शेयर बाजार में लगाए १२.५० लाख रुपए जब्त किए है। इसके अलावा एक कीमती कार, तीन लाख रुपए के आभूषण, एक बाइक, लैपटाप, कंप्यूटर और कई तरह के जाली दस्तावेज, विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के लेटर हेड और मोहरे जब्त किए है। उन्होंने पांच जगहों पर दफ्तर खोल रखे थे। सिटी पुलिस आयुक्त टी.सुनील कुमार ने उनके शिकार बने छात्रों से थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने का अनुरोध किया।