बेंगलूरु. कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) की मुफ्त यात्रा करने वाले कॉलेज के एक असिसटेंट प्रोफेसर को निगम ने रंगे हाथों पकड़ा है। प्रो. लम्बे समय से खुद को विकलांग बताकर मुफ्त यात्रा कर रहा था। निगम ने प्रोफेसर के खिलाफ थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। उसकी पहचान कृष्णा (50) के तौर पर की गई है। वह गवरमेंट फ्रस्र्ट ग्रेड कॉलेज, कुणीगल में असिसटेंट प्रो. है।
जानकारी के मुताबिक निगम विकलांगों को नि:शुल्क पास जारी करता है। यदि विकलांग व्यक्ति सरकारी कर्मचारी हो तो उसे यह लाभ नहीं मिलता। कृष्णा की एक आंख में कुछ समस्या है।
इस समस्या को आधार बनाकर कृष्णा ने बस पास बनवा लिया, लेकिन खुद के सरकारी कर्मचारी होने का जिक्र आवेदन में नहीं किया। फर्जी बस पास की जांच के लिए निगम की ओर से चलाए गए विशेष अभियान के तहत गुरुवार को तुमकूर क्षेत्रीय उपनिरीक्षक रघु ने कृष्णा के बस पास की जांच की तो वह फर्जी पाया गया।
निगम ने कृष्णा के खिलाफ कुणीगल ताल्लुक के हेब्बूर थाने में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है। कृष्णा का पास जब्त कर लिया गया है।