बैठक में उन्होंने कल्याण-कर्नाटक व उत्तर कर्नाटक क्षेत्र में शैैक्षणिक गुणवत्ता सुधार को वरीयता देने के निर्देश दिए। इसके लिए शिक्षक भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गणित व विज्ञान के शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए बीएड कर चुके इंजीनियरिंग स्नातकों को नियुक्त करने के नियम बदले गए हैं।
रायचूर तथा यादगीर जिलों के लिए केंद्र सरकार ने विशेष सहायता देने की घोषणा की है। लिहाजा आने वाले दिनों में कल्याण-कर्नाटक में शैक्षिणक गुणवत्ता में सुधार होगा। प्राथमिक, माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस. सुरेश कुमार ने कहा कि कोविड-19 के कारण शिक्षा विभाग पर बहुत बुरा असर पड़ा है। अब स्कूल खोलना व कक्षाएं चलाना बड़ी चुनौती है। कोविड-19 के बाद किस तरह से स्कूल, कक्षाएं चलेंगी, इसका अध्ययन किया जा रहा है। 25 जून से एसएसएलसी की परीक्षाएं शुरू होंगी, लिहाजा तमाम एहतियाती कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि एसएसएलसी की परीक्षा के दौरान प्रत्येक परीक्षा कक्ष में 25 विद्यार्थियों के बजाय अब 18 से 20 विद्यार्थी के बैठने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए इस बार 8 हजार अतिरिक्त कमरों का इस्तेमाल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि परीक्षा कक्ष के फ्यूमिगेशन व सैनिटाइजेशन करने के इंतजाम किए गए हैं। स्काउट्स एंड गाइड्स संस्था ने परीक्षार्थियों को मुफ्त मास्क देने का प्रस्ताव किया है और संस्था के स्वयंसेवक परीक्षा केंद्रों पर छात्रों को सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने व सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए जागरूक करेंगे।
सुरेश कुमार ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों, मोरारजी देसाई आवासीय विद्यालयों तथा समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों के लिए उनके गांवों के निकटवर्ती परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा देने की अनुमति दी गई है।