धारवाड़ में संक्रमितों व मृतकों की संख्या बढऩे के साथ एंटी वायरल दवा रेमेडिसविर (Remedisvir) की मांग भी बढ़ी है। विशेषकर कोविड के गंभीर मरीजों में इसका इस्तमाल किया जा रहा है। किम्स में रेमेडिसविर की कमी व इसके कारण मौत का कथित मामला सामने आया है। मरीजों के परिजन स्थानीय नेताओं पर दवा उपलब्ध कराने का दबाव बना रहे हैं।
जिला टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. ईश्वर एच. ने मरीजों की मौत के पीछे दवा की कमी की बात से साफ इनकार किया है। उन्होंने कहा कि अन्य जिलों से बेहद गंभीर अवस्था में मरीज किम्स पहुंच रहे हैं। ज्यादातर मौतें मरीज के भर्ती होने के 24 घंटे के अंदर हुई है।
दरअसल रेमेडिसविर बाजार में उपलब्ध नहीं है। रेमेडिसविर की कालाबाजारी रोकने के लिए कर्नाटक स्टेट ड्रग्स लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग सोसाइटी जिला प्रशासन को दवा की आपूर्ति करती है। इसके बाद निजी अस्पतालों में दवा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होती है।
जिलाधिकारी नितेश पाटिल ने बताया कि उन्होंने हाल ही में रेमेडिसविर की 300 यूनिट का ऑर्डर दिया था, लेकिन कुछ दिन पहले केवल 100 की आपूर्ति हुई। रेमेडिसविर की मांग ज्यादा है।
उन्होंने बताया कि जिला को 15 जुलाई के बाद से रेमेडिसविर की 250 यूनिट की आपूर्ति हुई जिसमें से किम्स को 150 दी गईं। शेष 100 अन्य अस्पतालों तक पहुंची।
किम्स के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि रेमेडिसविर की खपत ज्यादा और आपूर्ति कम है। आइसीयू में भर्ती 40 सहित 200 अन्य गंभीर मरीजों के उपचार के लिए प्रतिदिन 20-25 यूनिट की जरूरत पड़ती है।