scriptदेवता भी तरसते हैं मनुष्य जीवन को | God also craves man's life | Patrika News

देवता भी तरसते हैं मनुष्य जीवन को

locationबैंगलोरPublished: Apr 04, 2018 06:27:58 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

साध्वियां पहुंचीं राजाजी नगर स्थानक

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बेंगलूरु. साध्वी कुमुदलता, साध्वी महाप्रज्ञा, साध्वी पद्मकीर्ति, साध्वी राजकीर्ति मंगलवार को प्रात: यशवंतपुर से विहार कर राजाजी नगर स्थानक पहुंचीं। धर्मसभा में साध्वी महाप्रज्ञा ने कहा कि प्रभु परमात्मा ने अपनी अमृतमय वाणी में मानव जीवन, धर्म के प्रति श्रद्धा, धर्म वाणी का श्रवण तथा संयमी जीवन का महत्व बताया है। यह मानव जन्म दुर्लभ है। देवता भी मनुष्य जीवन के लिए तरसते हैं। मानव जीवन के साथ-साथ आर्य कुल एवं आर्य धर्म मिलना भी बेहद जरूरी है। सभा में अध्यक्ष दानमल मेहता, उपाध्यक्ष मदनलाल गांधी, महावीर डोसी, महावीरचंद धोका, पारसमल लोढ़ा, जंबु कुमार दुग्गड, नेमीचंद दलाल, शांतिलाल चाणोदिया व अन्य पदाधिकारी थे। इनके अतिरिक्त चेन्नई, मैसूरु व अन्य क्षेत्रों से अनेक गणमान्य मौजूद रहे। संचालन ज्ञानचंद लोढ़ा ने किया। साध्वीवृंद के विहार में युवाओं ने सेवाएं दीं। बुधवार को राजाजी नगर स्थानक में सुबह 9.15 बजे प्रवचन होगा तथा गुरुवार को सुबह 8.30 बजे अरिष्ट नेमिनाथ का विशेष जाप अनुष्ठान होगा।
जन्म से नहीं, कर्म से बनना है जैन
बेंगलूरु. चामराजपेट जैन स्थानक में मंगलवार को जयधुरन्धर ने कहा कि जन्म से ही नहीं कर्म से जैन बनना है। कर्म से जैन वही कहलाता है, जिसका आचार और विचार शुद्ध होता है। सामान्य जन और जैन की आचार संहिता मेें बहुत अंतर होता है। जैन की पहचान न जाति से है न पद से है, न धन से है न व्यापार से है और न ही वेशभूषा से है। जैन की पहचान तो उसके आचार और विचार से है।
छोटे अनुष्ठान भी देते हैं बड़ा फल
बेंगलूरु. वासुपूज्य स्वामी जैन संघ के आराधना भवन में जैनाचार्य विजय रत्नसेन सूरीश्वर ने कहा कि छोटे से भी धर्म अनुष्ठान में बड़ा फल देने की ताकत है, यदि वो धर्म विधि पूर्वक एवं निस्वार्थ भाव से किया जाए। उन्होंने कहा कि मात्र क्रिया करने से या प्रवचन सुनने से ही आत्मा के आरोग्य की प्राप्ति नहीं होगी, परंतु उसमें शुभ भावों को भी अवश्य जोडऩा होगा। कितनी धर्म क्रियाएं की हंै, यह महत्त्वपूर्ण नहीं परंतु कैसे और किस भाव से की, वह महत्वपूर्ण है।

जैनिज्म डाक टिकट प्रदर्शनी 7 को
बेंगलूरु. श्रवणबेलगोला में चारुकीर्ति भट्टारक के सान्निध्य में 7 अप्रेल को सुबह 10.45 बजे जैनिज्म डाक टिकट प्रदर्शनी लगेगी। मुख्य अतिथि कर्नाटक पोस्टल सर्कल के मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल होंगे।
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