scriptपरमात्मा को मन मंदिर में बिठाना चाहिए-आचार्य चन्द्रयश | God should be placed in the mind temple - Acharya Chandrayash | Patrika News

परमात्मा को मन मंदिर में बिठाना चाहिए-आचार्य चन्द्रयश

locationबैंगलोरPublished: May 18, 2022 08:13:36 am

Submitted by:

Yogesh Sharma

अंजनशलाका महोत्सव शुरू

परमात्मा को मन मंदिर में बिठाना चाहिए-आचार्य चन्द्रयश

परमात्मा को मन मंदिर में बिठाना चाहिए-आचार्य चन्द्रयश

बेंगलूरु. यलचनहल्ली में नवनिर्मित शिखरबद्ध शांतिनाथ जिनालय प्रतिष्ठा उत्सव के लिए जयनगर में आयोजित जीरावला पाŸवनाथ आदि जिन प्रतिमा अंजनशलाका प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में मंगलवार को अंजन शलाका संबंधित पूजन का आयोजन आचार्य चंद्रयश सूरीश्वर की निश्रा में हुआ। इसमें नंदावत जिन लघु सिद्धचक्र पूजन, विश स्थानक पूजन, सोल विद्या देवी पूजन आदि का आयोजन हुआ। आचार्य ने कहा कि परमात्मा मात्र मंदिर में विराजेंगे तो नहीं चलेगा, किन्तु परमात्मा को अपने मन मंदिर में बिठाना चाहिए। क्योंकि परमात्मा को मन मंदिर में बिठाने से जो मन के अंदर अशुभ विचार आते हैं। वह शुभ विचारों में परिवर्तित हो जाते हैं। प्रभु की महिमा अपरंपार है जो भी प्रभु की शरण में जाता है। उसे प्रभु अपने शरणागत में लेते हैं जरूरत है। श्रद्धा और समर्पण की। परमात्मा का अंजन शलाका उत्सव यानी प्रभु को पाने का अवसर, प्रभु को पहचानने का अवसर। अंजन शलाका प्राण प्रतिष्ठा में च्यवन कल्याणक विधान, हुआ, जिसमें माता अचिरा की कुक्षी में परमात्मा शांतिनाथ प्रभु पधारे। अंजन शलाका उत्सव में आज से प्रभु की पांच कल्याणक की उजवणी शुरू होगी, जिसमें माता अचिरा, पिता विश्व सेन की स्थापना होगी और माता 14 महासपनों को देखेंगी। तीर्थंकर की माता को ही 14 महास्वप्न आते हैं जो परम भाग्यशाली है। प्रभु माता जगत की माता होती हैं ऐसी महान माता की कुक्षी से कल परमात्मा का जन्म होगा। दक्षिण भारत का गिरिराज सिद्धाचल स्थूलभद्र धाम में मुख्य दादा की टंूक की परिक्रमा में आवती चौबीसी के 24 जिनालय मुख्य दादा की टूंक सन्मुख पुंडरीक स्वामी जिनालय एवं 1024 जिन प्रतिमा युक्त 108 फीट ऊंचाई वाला सहस्त्र कूट टूंक निर्माण की उद्घोषणा होगी।

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