इस जानकारी के आधार पर पिछड़े वर्गों के विकास के लिए विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की जाएगी। पिछड़ा वर्ग को आबादी के आधार पर रोजगार में आरक्षण देने का प्रयास किया जाएगा।उन्होंने कहा कि पर्याप्त सहायता नहीं मिलने के कारण आबादी का बहुत बड़ा तबका आज भी समाज की मुख्यधारा से दूर है। विकास का लाभ समाज के हर तबके तक पहुंचाना हमारा दायित्व है। कई समुदाय इस रिपोर्ट का विरोध कर सकते हैं लेकिन राज्य सरकार पिछड़ों को सामाजिक न्याय दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
समारोह में उपस्थित नेता प्रतिपक्ष सिद्धरामय्या ने कहा की यह रिपोर्ट जारी होने से समाज के कई समुदायों को लाभ मिलेगा। इस रिपोर्ट को लागू करने में हुई देरी को लेकर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाकर दलगत राजनीति के बदले हमें इस वर्ग को सामाजिक न्याय दिलाने का प्रयास करना होगा।इस कार्यक्रम में पिछड़े समुदायों के विभिन्न मठों के प्रमुख स्वामी, विधान परिषद के पूर्व सदस्य एचएम रेवण्णा, विधान परिषद सदस्य केपी नंजुंडी उपस्थित थे।