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चिकित्सा शिक्षा में सरकारी स्कूलों के बच्चों को मिले आरक्षण: होरट्टी

locationबैंगलोरPublished: Nov 05, 2020 08:29:14 pm

Submitted by:

Sanjay Kulkarni

तमिलनाडु जैसा कानून बनाने की मांग

चिकित्सा शिक्षा में सरकारी स्कूलों के बच्चों को मिले आरक्षण: होरट्टी

चिकित्सा शिक्षा में सरकारी स्कूलों के बच्चों को मिले आरक्षण: होरट्टी

 बेंगलूरु. विधान परिषद सदस्य बसवराज होरट्टी ने कहा है कि हाल ही तमिलनाडु सरकार ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों के लिए चिकित्सा शिक्षा में 7.5 फीसदी आरक्षण घोषित किया है। राज्य सरकार को भी इसी तरह का कानून पारित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस मांग को लेकर उन्होंने हाल में मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा को पत्र लिखा है। तमिलनाडु सरकार के इस प्रस्ताव को वहां के राज्यपाल ने भी मंजूरी दी है। लिहाजा राज्य सरकार को भी ऐसा कानून लाने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।गरीब परिवारों के लिए चिकित्सा शिक्षा दुर्लभउन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा कॉलेजों का शिक्षा शुल्क देखते हुए गरीब तथा मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करना संभव नहीं है। ऐसे में इस कानून के माध्यम से कई परिवारों के बच्चों को चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करना संभव होगा।
तमिलनाडु राज्य सरकार का यह फैसला सबके लिए अनुकरणीय है। मुख्यमंत्री को इस कानून का प्रारूप तैयार करने के लिए कानून तथा शिक्षाविदों के साथ संवाद करना चाहिए।उन्होंने कहा कि पड़ोसी आंध्र प्रदेश,तेलंगाना, केरल जैसे राज्य वहां की क्षेत्रीय भाषाओं की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करते हैं। ऐसे प्रयासों में हमारा राज्य फिसड्डी साबित हो रहा है। आरक्षण लाने से सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ेगी।
राज्य में कई कन्नड़ माध्यम के स्कूल बंद होने के कगार पर हैं। ऐसे स्कूलों की रक्षा राज्य सरकार का दायित्व है।बजट में पर्याप्त आवंटन नहींइसके लिए इन सरकारी स्कूलों के बुनियादी सुविधाएं तथा गुणात्मक शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। बजट में प्राथमिक तथा माध्यमिक शिक्षा के लिए किया जा रहा आवंटन प्रर्याप्त नहीं है। मौजूदा आवंटन की 90 फीसदी राशि शिक्षकों के वेतन पर ही खर्च हो रही है। कई सरकारी शालाओं में पर्याप्त शिक्षक नहीं हंै, शालाओं के भवन क्षतिग्रस्त हैं। यह स्थिति बदलनी चाहिए।
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