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निजी स्कूलों की तरह शिक्षा दें सरकारी संस्थान

locationबैंगलोरPublished: Sep 06, 2018 04:36:52 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

शिक्षक दिवस समारोह में बोले कुमारस्वामी

teacher day

निजी स्कूलों की तरह शिक्षा दें सरकारी संस्थान

बेंगलूरु. मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने सरकारी स्कूल, कालेज के शिक्षकों से निजी संस्थाओं की तरह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का आह्वान किया है। कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों की भर्ती, भवन निर्माण सहित तमाम बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाने कौ तैयार है, लिहाजा इसका सदुपयोग कर गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षकों को तैयार रहना होगा।
मुख्यमंत्री बुधवार को उच्च शिक्षा विभाग, विश्वविद्यालय व कॉलेज शिक्षक महासंघ की सहभागिता में आयोजित शिक्षक दिवस समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य की आर्र्थिक स्थिति अच्छी है। सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं है। किसानों का ऋण माफ करने के कारण दूसरे क्षेत्रों के कार्यक्रमों के लिए धन उपलब्ध नहीं होने की बातें गलत हैं और सरकार ने किसी भी क्षेत्र के लिए अनुदान में कटौती नहीं की है। हमारी सरकार ने सत्ता में आने के बाद संसाधन जुटाने में 33 फीसदी की बढ़ोतरी हासिल की है और इस मामले में हम देश में अव्वल रहने की स्थिति में हैं।
सरकारी स्कूल, कालेजों के भवन निर्माण आदि के लिए 1000 करोड़ रुपए का अनुदान आवंटित किया गया है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिए जाएंगे। सरकारी स्वामित्व वाले विश्वविद्यालयों को अंतरराष्ट्रीय पटल पर स्थापित करने के लिए कुलपतियों को ब्ल्यू प्रिंट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य के कई स्कूल, कॉलेज निजी बेहतर शिक्षा दे रहे हैं और उनमें से एक बेंगलूरु का महारानी कॉलेज भी है। गरीब परिवारों के बच्चों को बेहतरीन शिक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी हम सभी की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीयकृत बैंकों से किसानों द्वारा लिए गए कर्ज चुकता करने के लिए हमने चार किस्तें तय की हैं, लेकिन हम तय समावधि से पहले ही 30 हजार करोड़ रुपए का ऋण चुकता कर देंगे, लिहाजा बैंकों को किसानों को अकारण तंग करना बंद कर देना चाहिए। राज्य के सरकारी कॉलेजों में रिक्त पदों को भरने के लिए तत्काल रिपोर्ट मंगवाकर नियुक्तियां की जाएंगी तथा कॉलेज शिक्षकों की मांगों पर विचार करके उनको चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। उच्च शिक्षा मंत्री जी.टी. देवेगौड़ा ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत व प्राध्यापकों को आत्मावलोकन करके काम करना चाहिए।
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