सरकारी विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम में भी होगी पढ़ाई
बैंगलोरPublished: Jul 06, 2018 09:38:19 pm
एलकेजी और यूकेजी की भी होगी शुरुआत
सरकारी विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम में भी होगी पढ़ाई
हाजिरी के लिए लगेगी बॉयोमीट्रिक मशीनें
बेंगलूरु. मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने गुरुवार को विधानसभा में पेश अपने पहले बजट में कहा, कन्नड़ प्राइमरी स्कूलों में कन्नड़ माध्यम के साथ-साथ अंग्रेजी माध्यम की कक्षाएं चलेंगी। प्रयोग के तौर पर इसकी शुरुआत 1000 स्कूलों से होगी।
विद्यार्थियों व शिक्षकों की उपस्थिति पर निगरानी के लिए 48000 सरकारी स्कूलों में बॉयोमीट्रिक मशीनें लगाई जाएंगी। तीन वर्षों में चरणबद्ध तरीके से इस योजना को लागू किया जाएगा। सरकार इसके लिए पांच करोड़ रुपए आवंटित करेगी। इसके अलावा एक किलोमीटर की के दायरे में कम बच्चों वाले सरकारी व अनुदानित स्कूलों को नजदीकी स्कूल में विलय का प्रस्ताव है। नजदीकी 8530 स्कूलों में विलय के लिए ऐसे 28847 स्कूलों की सूची तैयार है।
सरकारी प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों सहित पीयूसी कॉलेज भवनों की मरम्मत के लिए 150 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। आंगनवाड़ी केंद्रों को बेहतर बनाने के लिए 4100 सरकारी स्कूलों में स्थानांतरित करने की योजना की भी घोषणा की गई। बालस्नेह केंद्र के नाम से जाने जाएंगे ये केंद्र।साध्यता के आधार पर एलकेजी और यूकेजी कक्षाओं की शुरुआत। भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के प्रदेश प्रशिक्षण केंद्र की बेहतरी और मूलभूत सुविधाओं के लिए पांच करोड़ रुपए के आवंटन का प्रस्ताव।
तुमकूरु में खुलेगा विवि
सरकारी स्नातक और स्नातकोत्तर कॉलेजों के विकास व मरम्मत के लिए 250 करोड़ रुपए का विशेष अनुदान।
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनइइटी), संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेइइ) सहित अन्य प्रवेश परीक्षाओं के लिए विद्यार्थियों को तैयार करने के लिए कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण और सूचना एवं संचार प्रणाली के माध्यम से विशेष प्रशिक्षण।
तुमकूरु में खेल और शरीर सौष्ठव विश्वविद्यालय खोलने का प्रस्ताव।
निजी साझेदारी मॉडल पर शिवमोग्गा में मातृभूमि सुरक्षा विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए तीन करोड़ रुपए का अनुदान।
निजी साझेदारी मॉडल पर हम्पी में पर्यटन विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए तीन करोड़ रुपए।
हरित कर्नाटक योजना के लिए 10 करोड़ का आवंटन
मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने कहा कि विभिन्न योजनाओं के तहत सरकार वन क्षेत्र को बढ़ावा देगी। प्रदेश के वन क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है। सरकार सामाजिक वानिकी पर जोर देगी। हरित कर्नाटक योजना की शुरुआत होगी। इसके तहत विभिन्न स्तर पर वृक्षारोपण कर प्रदेश को हरा-भरा बनाया जाएगा। उनकी सरकार ने इसके निए 10 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। वन विशेषज्ञों की आम राय है कि 750 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश वाले क्षेत्रों को बाड़ लगा सुरक्षित किया जाए और मानव हस्तक्षेप न हो तो वन का विकास खुद होने लगता है। किसी विशेष प्रयास की जरूरत नहीं पड़ती है। सरकारी पहाड़ी क्षेत्रों में बाड़ लगा सरकार वन क्षेत्र बढ़ाएगी। इसके लिए सरकार ने 40 करोड़ रुपए प्रस्तावित किया है। वायु प्रदूषण बड़ी समस्या है। प्रबंधन और निगरानी के लिए सरकार 42 निरंतर परिवेश वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन स्थापित करेगी। जिला खनिज निधि से 96 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।