उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के मौजूदा हालात देखते हुए सरकारी स्कूल शुरू करना शिक्षक तथा विद्यार्थियों के लिए आत्मघाती फैसला होगा। राज्य सरकार को सरकारी प्राथमिक तथा माध्यमिक स्कूल शुरु करने ने पहले इन स्कूलों के भवनों की सफाई और सैनिटाइजेशन की व्यवस्था करनी चाहिए।उन्होंने कहा कि राज्य में प्राथमिक तथा माध्यमिक स्कूलों की संख्या 50 हजार से अधिक है। इन स्कूलों में कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए सभी आवश्यक प्रतिबंधक उपाय किए जाने के पश्चात ही स्कूल शुरू किए जाने चाहिए।
ऐसी तैयारियों के लिए काफी समय चाहिए लिहाजा जुलाई माह के अंत तक हमें इंतजार करना होगा। उसके पश्चात अगर स्थिति सामान्य होती है तो ही स्कूूल शुरू किए जा सकते है।उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति की गंभीरता को देखते हुए माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक विद्यार्थियों को ऑनलाइन की शिक्षा दी जा सकती है। लेकिन हालात सामान्य होने के बाद हमें फिर परंपरागत शैली में विद्यार्थियों को स्कूलों में ही शिक्षा देनी चाहिए। ऑनलाइन शिक्षा अनिवार्य नहीं की जा सकती है। ऑनलाइन पर प्राथमिक शिक्षा तार्किक नहीं है।