टास्क फोर्स के अनुसार कर्नाटक (Karnataka) के 60 मेडिकल कॉलेजों में से 41 निजी हैं। मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में करीब 700 बिस्तरों के साथ 400 से ज्यादा नर्स, चिकित्सा स्नातकोत्तर विद्यार्थी व इंटर्न होते हैं। सरकार ने 1000 वेंटिलेटर मंगाए हैं जो जल्द उपलब्ध हो जाएंगे। कोविड मेडिकल अस्पतालों में ये वेंटिलेटर उपलब्ध हों। इसी तरह कुछ निजी अस्पताल भी हैं जहां आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी नहीं है। ये अस्पताल कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए राजी हैं। स्वास्थ्य विभाग कोविड-19 अस्पताल के रूप में इन अस्पतालों का इस्तमाल कर सकती है। सरकार अस्पतालों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, मास्क व दवा आदि उपलब्ध कराए। साथ में दो माह तक अस्पतालों को उचित आर्थिक मदद करे। ताकि कर्मचारियों को वेतन देने में दिक्कत नहीं आए।
छोटे अस्पतालों व क्लिनिक्स को अन्य मरीजों को उपचार के लिए चिन्हित किया जाए। हर कोविड-19 (Covid-19) अस्पताल के प्रवेश द्वार पर फीवर क्लिनिक खुले। जहां तक संभव हो अस्पताल प्रबंधन टेली परामर्श तकनीक का सहारा ले। गैर आपालकालीन उपचार व ऑपरेशन 15 अप्रेल तक स्थगित किए जा सकते हैं।
पहले से एच1एन1 के लिए अधिकृत ज्यादा से ज्यादा लैबों में कोरोना वायरस जांच सुविधा उपलब्ध हो। पीसीआर जांच के लिए इन लैबों को अस्पतालों से जोड़ा जाए। हॉट स्पॉट क्षेत्रों में रह रहे लोगों को जांचने के लिए रैपिड टेस्ट किट को प्राथमिकता मिले। मोबाइल ट्रैकिंग व अन्य निगरानी प्रणाली से होम क्वारंटाइन लोगों पर निगाह रखी जाए।