बैंगलोर

किसानों के अधिकार और खेतों को छीनने का प्रयास : सिद्धरामय्या

उद्योगपतियों के सहयोग के लिए केन्द्र सरकार ने किसान विरोधी कानून

बैंगलोरDec 11, 2020 / 08:17 pm

Sanjay Kulkarni

किसानों के अधिकार और खेतों को छीनने का प्रयास : सिद्धरामय्या

बेंगलूरु. नेता प्रतिपक्ष सिद्धरामय्या ने कहा कि केन्द्र सरकार ने विदेशी कंपनियों को खुश करने के लिए किसानों के अधिकार और उनके खेतों को छीनने का षड्यंत्र रचा है। विधान सौधा करीब स्थित गांधीजी प्रतिमा के सामने किसानों के आंदोलन और भारत बंद के लिए समर्थन व्यक्त करते हुए कहा कि देश और विदेशी उद्योगपतियों के सहयोग के लिए केन्द्र सरकार ने किसान विरोधी कानून जारी किए है। केन्द्र सरकार किसी से चर्चा किए बगैर एकतरफा फैसले लेकर कानून बनाने पर तुली है।
हर जगह कारखाने लगा दिए तो अनाज का उत्पादन कौन करेगा। इस बात से प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी भी वाकिफ है। मोदी हमेशा उनकी सरकार किसानोंं के हितो की रक्षा करने और उनकी आर्थिक स्थिति सदृढ़ करने की बातें करते हैं। लेकिन इस कानून को लाने के फैसले पर अडिग रहने पर उनके सभी वादे खोखले लगते है।उन्होंने कहा कि देश में 25 लाख करोड़ रुपए के अनाज का उत्पादन हो रहा है। केन्द्र सरकार इससे निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने का प्रयास कर रही है। किसानों के उत्पादों के लिए कीमत तय करने की कोई तार्किक नीति नहीं है।
धरना देने वालों में कांग्रेस अध्यक्ष डी.के.शिवकुमार, प्रियांक खरगे, कृष्मा बैरेगौड़ा, जमीर अहमद खान, एन.ए.हैरिस. के.आर.रमेश कुमार और अन्य विधायक उपस्थित थे।

कांग्रेस हमेशा किसानों के साथ : शिवकुमार

बेंगलूरु. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस हमेशा किसानों के साथ रही है। जबकि भाजपा ने कृषि उपज बाजार समितियों के परिसर में मुक्त बाजार के नाम पर निजी क्षेत्र को छूट देकर किसानों को कार्पोरेट क्षेत्र का गुलाम बनाने की साजिश रची है। लिहाजा कांग्रेस इस साजिश का पुरजोर विरोध करेगी।
किसान संगठनों की ओर से आयोजित रैली में शिवकुमार ने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा करना समाज के हर वर्ग का तथा कांग्रेस का दायित्व है। किसानों के विरोध प्रदर्शन को दलगत राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है।उन्होंने कहा कि किसान अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरा है ऐसी स्थिति में अन्नदाता किसान का समर्थन कर उसे न्याय दिलाना हमारा सामाजिक दायित्व है और कांग्रेस इस दायित्व को निभा रही है।
उन्होंने कहा कि आज देश में किसान लगभग 25 लाख करोड़ रुपए के खाद्यान्न का उत्पादन कर रहें है। पूंजीपती अब इस कारोबार पर वर्चस्व स्थापित करना चाहते हैं। भाजपा की केंद्र तथा राज्य सरकारें कार्पोरेट क्षेत्र की इसमें मदद करना चाहती हैं।कृषि भूमि सुधार कानून की आड़ में किसानों को भूमिहीन बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसा घातक कानून लाने से पहले किसी भी किसान संगठनों के साथ संवाद तक नहीं किया गया है। इससे पहले कांग्रेस के कई नेताओं ने विधानसौधा परिसर में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना देकर केंद्र तथा राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाए।

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