राज्यपाल ने फिर लौटाया अध्यादेश, अब विधेयक लाएगी सरकार
कर्नाटक लोक सेवा आयोग (केपीएससी) द्वारा चयनित 1998 बैच के 28 राजपत्रित कर्मचारियों को रोजगार देने संबंधी राज्य सरकार के अध्यादेश को राज्यपाल वज्जूभाई वाळा ने दोबारा लौटा दिया है

बेंगलूरु. कर्नाटक लोक सेवा आयोग KPSC द्वारा चयनित 1998 बैच के 28 राजपत्रित कर्मचारियों को रोजगार देने संबंधी राज्य सरकार Karnataka government के अध्यादेश को राज्यपाल वज्जूभाई वाळा ने दोबारा लौटा दिया है। विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉ.जी.परमेश्वर ने इस बात की पुष्टि की है कि राज्यपाल ने दूसरी बार अध्यादेश वापस लौटाया है।
राज्य सरकार अब इसपर आगामी 12 जुलाई से शुरू हो रहे विधानमंडल के मानसून सत्र में एक विधेयक लाने की तैयारी कर रही है। राज्यपाल द्वारा यह अध्यादेश दो बार लौटाए जाने से राज्य सरकार को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है। राज्यपाल ने सरकार को निर्देश दिया है वह इस अध्यादेश की जगह विधेयक लाए ताकि उसपर विधानसभा में चर्चा हो सके। इन्होंने फाइल पर यह लिखा है कि विधानमंडल के दोनों सदनों में इस विषय पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए।
दरअसल, वर्ष 1998 में राजपत्रित प्रोबेशनरी गु्रप 'ए' और ग्रुप 'बी' के पदों पर हुई चयन प्रक्रिया में अनियमितता बरते जाने का आरोप है। इससे 28 कर्मचारी रोजगार पाने से वंचित हैं। राज्य कैबिनेट ने मई महीने में ही इन्हें रोजगार देने के उद्देश्य से राज्यपाल के पास अध्यादेश भेजा था। लेकिन, राज्यपाल ने यह कहते हुए सिफारिश वापस लौटा दी कि इस मामले में इतनी जल्दीबाजी क्यों है। इस संदर्भ में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने भी राज्य सरकार को इस आधार पर उम्मीदवारों को रोजगार देने का निर्देश दिया था कि वे अनियमिततता में लिप्त नहीं थे। हाइकोर्ट के निर्देश पर सरकार ने अध्यादेश लाने का फैसला किया लेकिन अब राज्यपाल ने उसपर विधेयक लाने का निर्देश दिया है।
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